Jharkhand political crisis: सीएम सोरेन ने जीता विश्वासमत, पक्ष में 48 मत पड़े और विपक्ष में 0, विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

By एस पी सिन्हा | Published: September 5, 2022 03:32 PM2022-09-05T15:32:34+5:302022-09-05T15:33:19+5:30

Jharkhand political crisis: विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने सभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। विश्वास मत के दौरान विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

Jharkhand political crisis cm Hemant Soren Wins Majority Test 48 votes in favor and 0 in opposition Assembly adjourned | Jharkhand political crisis: सीएम सोरेन ने जीता विश्वासमत, पक्ष में 48 मत पड़े और विपक्ष में 0, विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 लोगों ने मतदान किया, जबकि इसके विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा।

Highlightsविपक्ष के वाकआउट करने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कई विधायकों ने विरोधी दल पर तंज कसा- भगोड़े जा रहे हैं।विधायकों की संख्या की गिनती की गयी। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 लोगों ने मतदान किया, जबकि इसके विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा।

रांचीः झारखंड की सियासत में घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी पर तलवार लटकी  हुई है। इस बीच झारखंड की सोरेन सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत पेश किया और जीत हासिल की। विश्वास मत के पक्ष में 48 मत पड़े और विपक्ष में 0 मत प्राप्त हुए।

इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने सभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। विश्वास मत के दौरान विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। विपक्ष के वाकआउट करने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कई विधायकों ने विरोधी दल पर तंज कसा- भगोड़े जा रहे हैं।

दरअसल, सदन में विश्वासमत के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन की कोशिश की गयी, लेकिन सदस्यों की मांग पर मतविभाजन कराया गया। आसन की ओर से विधायकों को अपनी-अपनी सीट पर खड़े होने के लिए कहा गया। विधायकों की संख्या की गिनती की गयी। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 लोगों ने मतदान किया, जबकि इसके विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा।

मतविभाजन से पहले भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने सदन से वाकआउट किया। यहां उल्लेखनीय है कि है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज मामले में चुनाव आयोग की चिट्ठी मिलने के 11 दिन बाद भी राज्यपाल का कोई आदेश नहीं आया है, लेकिन राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है।

हेमंत सोरेन ने अपने 32 विधायकों को एकजुट करने के लिए 30 अगस्त को रायपुर भेजा था। लेकिन सदन में विश्वासमत में भाग लेने के लिए यूपीए के सभी विधायकों को रविवार शाम को छत्तीसगढ़ के रायपुर से झारखंड वापस बुला लिया गया था। सभी विधायक विशेष विमान से राजधानी पहुंचे थे।

एयरपोर्ट से सभी विधायक सर्किट हाउस गए जहां खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका स्वागत किया था। सर्किट हाउस से विधायक आज सीधे विधानसभा पहुंचे थे। वहीं, विश्वास मत पर हुई चर्चा के दौरान मुख्यममंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा आए दिन विधायकों की खरीद-फरोख्त करती रहती है। भाजपा सरकार को अस्थिर करने का काम करती है।

उन्होंने कहा कि ये लोग आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाकर आदिवासी मुख्यमंत्री की सत्ता छीनने की कोशिश कर रहे हैं। इनके मुख में राम, बगल में छुरी है। उन्होंने कहा कि हम सुखाड़ पर चर्चा के लिए भी तैयार थे। लेकिन, इन्हें लूटकर खाने की आदत रही है। ये वही सामंतवादी और मनुवादी लोग हैं, जिनकी वजह से न तो आज तक कोई आदिवासी, दलित आगे आ पाया।

सदन में मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मैंने एक-एक के बारे में बोलना शुरू किया तो यह सत्र भी कम पड़ जाएगा। हमें डराने धमकाने से काम नहीं चलेगा। इस राज्य की जनता जाग गई है। बड़ा काम करने की कोशिश कीजिए। जब देश का प्रधानमंत्री राज्यों से द्वंद कर रहा हो तो देश का क्या खाक विकास होगा?

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