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Jharkhand LS polls 2024: नए प्रत्याशी को नहीं पहचान रहे मतदाता, यशस्विनी सहाय, अनुपमा सिंह और केएन त्रिपाठी को मुश्किल, वोटर से ऐसे दे रहे परिचय

By एस पी सिन्हा | Updated: May 6, 2024 16:55 IST

Jharkhand LS polls 2024: रांची से कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय का मुकाबला कद्दावर भाजपा उम्मीदवार संजय सेठ के साथ है, जो दूसरी बार मैदान में हैं।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो कर जनता के बीच एक संदेश देने का काम कर दिया है। भाजपा प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर शत-प्रतिशत आशान्वित भी हो गये हैं। कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी का चुनावी मैदान में प्रवेश की सारी पटकथा खुद उनके पिता सुबोधकांत सहाय ने लिखी है।

Jharkhand LS polls 2024: झारखंड में कांग्रेस के द्वारा लोकसभा चुनाव में उतारे गए नए उम्मीदवारों को अपनी पहचान बतानी पड़ रही है। दरअसल, कांग्रेस ने रांची से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को टिकट दिया है। जबकि धनबाद से कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं, चतरा में भी कांग्रेस ने केएन त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में रांची, धनबाद और चतरा में कांग्रेस उम्मीदवारों को पहले आम मतदाताओं के बीच अपने बारे में बताना पड़ रहा है। ऐसे में इन उम्मीदवारों को अपने ही अस्तित्व की लड़ाई सबसे बड़ा सवाल बन गया है। बता दें कि रांची से कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय का मुकाबला कद्दावर भाजपा उम्मीदवार संजय सेठ के साथ है, जो दूसरी बार मैदान में हैं।

उनके समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो कर जनता के बीच एक संदेश देने का काम कर दिया है। पीएम के रोड शो के दौरान जनता की भीड़ को देख कर भाजपा प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर शत-प्रतिशत आशान्वित भी हो गये हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी का चुनावी मैदान में प्रवेश की सारी पटकथा खुद उनके पिता सुबोधकांत सहाय ने लिखी है।

बेटी के लिए यशस्विनी की मां रेखा सहाय भी चुनावी मैदान में आकर लोगों को समझाने में जुटी हैं। यशस्विनी ने एलएलबी की डिग्री विदेश से ली है। फिलहाल कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन से जुड़ी हुई हैं। इनके सोसल मीडिया की सारी जिम्मेवारी खुद सुबोध कांत सहाय ने उठा रखी है। अपने पुराने तर्जुबे और अन्य पहुंच का वे चुनावी रणभेरी में उठाने में लगे हुए हैं।

ऐसी ही स्थिति धनबाद लोकसभा सीट की प्रत्याशी अनुपमा सिंह की भी है। टिकट मिलने के बाद कई खेमों में बंटे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि करना क्या है? खुद अनुपमा सिंह भी अपने को झारखंड की बेटी और बड़े राजनीतिक रहे राजेंद्र सिंह की पतोहू साबित करने में अधिकतर समय जाया कर रही हैं।

राजनीतिक बयानबाजी और जुमलेबाजी में अभी इन्हें महारत नहीं है। लेकिन पति कुमार जयमंगल सिंह पत्नी के लिए लगे हुए हैं। कांग्रेस का एक खेमा धनबाद के सिंह मेंसन से भी नजदीक बनाये हुए है। वहीं, चतरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस पर उम्मीदवार केएन त्रिपाठी के सामने राजपूतों को रिझाने की सबसे बड़ी चुनौती है।

कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ताओं में केएन त्रिपाठी की उम्मीदवारी पर बाहरी व्यक्ति को थोपने की का आरोप लगाया जा रहा है। रांची में आयोजित उलगुलान महारैली में इसको लेकर राजद और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई थी, जिसके बाद दोनों तरफ से प्राथमिकी भी दर्ज की गाई। अब कांग्रेस में इन तमाम पहलुओं को लेकर इंडि गठबंधन मजबूत करने की भी चुनौती है।

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