Jharkhand Ki Taja Khabar: झारखंड में कोरोना वायरस के 12 नए मामले, कुल संख्या हुई 173
By भाषा | Published: May 13, 2020 04:16 AM2020-05-13T04:16:46+5:302020-05-13T04:16:46+5:30
राज्य में अब तक कुल 79 मरीज ठीक हो गये हैं जबकि तीन मरीज की मौत हो चुकी है और 91 मरीजों का इलाज चल रहा है।
रांची: झारखंड में प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों के लौटने से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। मंगलवार को राज्य के विभिन्न शहरों में 12 नये संक्रमित मिले जिनमें से अधिकतर प्रवासी हैं। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या अब 173 तक हो गई गयी है। जमशेदपुर के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बताया कि जमशेदपुर के घाटशिला में चाकुलिया के दो प्रवासी मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये।
यह दोनों आठ मई को कोलकाता से यहां लौटे थे। उन्होंने बताया कि दोनों संक्रमितों को टाटा मेन हॉस्पिटल, जमशेदपुर में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा हजारीबाग में छह, रांची और लातेहार में एक-एक नये मरीज पाये गये। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इसी प्रकार गिरिडीह में बाहर से आया एक प्रवासी सोमवार देर रात कोविड-19 से संक्रमित पाया गया जबकि एक अन्य मरीज मंगलवार को संक्रमित पाया गया।
इसके बाद गिरिडीह में संक्रमितों की संख्या छह पहुंच गयी है। राज्य में पाये गये संक्रमण के 12 मामलों में अधिकतर प्रवासी हैं जो हाल में देश के विभिन्न हिस्सों से राज्य में लौटे हैं। राज्य में अब तक कुल 79 मरीज ठीक हो गये हैं जबकि तीन अन्य की मौत हो चुकी है और 91 मरीजों का इलाज चल रहा है।
इसके अलावा, बता दें कि झारखंड सरकार ने मंगलवार को यहां उच्च न्यायालय को सूचित किया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में कराने के लिए आदेश दे दिया गया है तथा इन अस्पतालों में मरीजों का इलाज चल भी रहा है। झारखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन एवं न्यायमूर्ति एस एन प्रसाद की खंड पीठ के सामने राज्य सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश के आलोक में सभी निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज शुरू करने का आदेश दिया गया है।
निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज शुरू भी हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा- निर्देशों के आलोक में सभी काम किए जा रहे हैं। अदालत इस बाबत दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सरकार की ओर से बताया गया कि प्रवासी मजदूरों की जांच की जा रही है। जिन प्रवासी मजदूरों में प्रारंभिक लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं, उन्हें घर पर पृथकवास में रहने के लिए कहा गया है।