झारखंडः बीजेपी सांसद के हाउस गार्डों का अपहरणकर्ता बातचीत को तैयार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 27, 2018 02:48 PM2018-06-27T14:48:23+5:302018-06-27T14:48:23+5:30
प्रशासन की टीम घाघरा गांव में घुसकर प्रत्येक घर को सर्च कर रही है।
रांची, 27 जून (एसपी सिन्हा): खूंटी से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कडिया मुंडा के तीन हाउस गार्डों को मुक्त कराने के लिए पुलिस ने सख्ती दिखाई तो पत्थलगडी समर्थक वार्ता के लिए तैयार हो गये। वहीं, अपहृत जवानों की रिहाई के लिए प्रशासन ने पत्थलगडी समर्थकों को थोड़ा वक्त दिया है। इलाके में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने एक बार फिर से पत्थलगडी में शामिल करीब दो सौ लोगों को हिरासत में लिया है। इन सभी लोगों को खूंटी स्थित कैंप जेल में ले जाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन की टीम घाघरा गांव में घुसकर प्रत्येक घर को सर्च कर रही है। लोगों से पूछताछ भी किया जा रहा है। जिले के डीसी सूरज कुमार ने लोगों को समझाने की कोशिश की जिसके बाद कई गांववालों ने प्रशासन के हवाले अपना तीर-धनुष कर दिया। बता दें कि प्रशासन की टीम जब घाघरा गांव घुसने की कोशिश कर रही थी तो पत्थलगडी समर्थकों के साथ झडप हो गई। इस दौरान लाठीचार्ज में एक शख्स की मौत हो गई। इससे पहले आज सुबह रैफ की टुकडी घाघरा गांव पहुंची जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला और चाईबासा के करीब 700 जवान घाघरा गांव में ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
मंगलवार पूरी रात घाघरा गांव के बाहर एसपी और डीसी पुलिसबल के साथ तैनात रहे। वहीं ग्रामीण भी गांव के मुहाने पर डटे रहे। इसके साथ ही पुलिस ने घटना स्थल से सैकडों की संख्या में बाइक व गाडी भी जब्त की है। इन वाहनों पर सवार होकर पत्थलगडी समर्थक दूसरे गांवों से यहां आए थे। इसके साथ ही पुलिस के आलाधिकारी भी इस इलाके में अभी तक कैंप किए हुए हैं।
वहीं, शुरुआत में बताया जा रहा था कि अगवा जवानों को घाघरा गांव स्थित एक गांव में रखा गया है। लेकिन पुलिस जब वहां पहुंच कर तलाशी ली तो सांसद कडिया मुंडा के आवास से अगवा किए गए जवानों का को कोई सुराग नहीं मिला। प्रशासन की टीम के द्वारा लोगों से पूछताछ भी किया जा रहा है। उम्मीद जगी है कि अपहृत जवानों के बारे में कोई ठोस जानकारी पुलिस और प्रशासन को मिले।
झारखंड: खूंटी में बीजेपी सांसद करिया मुंडा के आवास से तीन पुलिसकर्मियों का अपहरण
डीसी, एसपी समेत करीब 300 जवानों को खूंटी के जंगलों में सडक पर रात गुजारनी पडी। आज सुबह रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) के अतिरिक्त जवानों को गांव में भेजा गया और पत्थलगडी समर्थकों को चेतावनी दी गई कि वे अपहृत जवानों को छोड दें। पुलिस की चेतावनी का उन पर कोई असर नहीं हुआ तो जवानों ने गांव में तलाशी अभियान छेड़ दिया। उल्लेखनीय है कि पत्थलगडी आंदोलन की वजह से खूंटी जिला में लगातार कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई है। पुलिसकर्मियों को बंधक बनाये जाने, लाठीचार्ज और फायरिंग की कई घटनाएं हो चुकी हैं। यही वजह है कि जवानों को मुक्त कराने के लिए पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।