झारखंड: कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए महिलाओं को छला, बुलाया मदद के लिए और बांटे दस-दस के नोट
By एस पी सिन्हा | Published: April 13, 2020 05:49 AM2020-04-13T05:49:29+5:302020-04-13T05:49:29+5:30
पैसे लेने पहुंची महिलाओं को विधायक से काफी उम्मीद थी कि विधायक जी मदद कर रहे हैं तो कम से कम एक सप्ताह का राशन का काम चल जाएगा. लेकिन हमेशा चर्चा में रहने वाले विधायक ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया.
झारखंड में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के द्वारा गरीबी का मजाक बना दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. लॉकडाउन के समय सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए विधायक ने मदद के लिए सैकड़ों महिलाओं को जुटाया. जब महिलाएं पहुंची तो मदद के नाम पर सिर्फ 10-10 रुपये मिला. इसका वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. ऐसे में वीडियो के वायरल होने के बाद कांग्रेस के जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी विवादों में घिर गए हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जामताड़ा के नारायणपुर इलाके के मोहनपुर गांव में गुरुवार को इरफान अंसारी गए थे. वायरल वीडियो में नोट भीड में खडी महिलाओं और बच्चों को बारी -बारी से दस-दस का नोट देते दिख रहे हैं. इस वीडियो में सैकड़ें महिलाओं व बच्चों के बीच वे मौजूद हैं. भीड में दिख रहे किसी भी ग्रामीण के पास मास्क तक नहीं है. इरफान अंसारी के इस वीडियो को कई लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जामताड़ा जिला प्रशासन, जामताड़ा पुलिस को टैग किया है.
पैसे लेने पहुंची महिलाओं को विधायक से काफी उम्मीद थी कि विधायक जी मदद कर रहे हैं तो कम से कम एक सप्ताह का राशन का काम चल जाएगा. लेकिन हमेशा चर्चा में रहने वाले विधायक ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया. अब महिलाएं भी सोचने लगी कि आखिर वह 10 रुपये में क्या कर पाएंगी? महिलाएं लॉकडाउन से अधिक विधायक के कंजूसी की चर्चा कर रही हैं.
इरफान अंसारी ने इस बीच सैकड़ों लोगों को जुटाया और लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाईं. इस दौरान बिना मास्क के पहुंची महिलाओं के जान को खतरे में भी डाला. अब देखना है कि कांग्रेस के सहयोग से सरकार चला रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लॉकडाउन तोडने वाले कांग्रेस विधायक के खिलाफ क्या कार्रवाई करते है? यहां बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस के विधायक और मंत्री ने लॉकडाउन तोडकर पिछले सप्ताह ही 10 बसे चलाने का आदेश अधिकारी को दिया था.
मंत्री के आदेश पर उस बार भी लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई गई थीं. इस बार भी वहीx दोहराया गया है. ट्वीटर पर अलग अलग-लोगों के द्वारा लगाए गए इस वीडियो को हजारों लोगों ने रीट्वीट व शेयर किया है. ट्वीट कर मांग की गई है कि आम लोगों पर पुलिस लॉकडाउन के उल्लंघन पर प्राथमिकी दर्ज कर रही है. ऐसे में इरफान अंसारी के खिलाफ भी लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज किया जाए.
यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में लॉकडाउन के बाद राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम भी विवाद में फंस चुके हैं. उन्होंने 26 मार्च को आठ बसों का परमिशन 180 मजदूरों को पाकुड़ पहुंचाने के लिए लिया था. लेकिन रांची डीसी के द्वारा परमिशन रद्द किए जाने के बाद भी बसों में ठूंस ठूंस कर लोगों को पाकुड़ समेत दूसरे जिलों में भेजा गया था. इस मामले में रांची डीसी को मुख्य सचिव ने शोकॉज किया था.
वहीं, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सह जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी ने पैसे बांटते हुए वायरल वीडियो को लॉकडाउन से पहले का बताया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से काफी समय पहले से वे क्षेत्र के लोगों को जागरूक कर रहे थे. उसी दौरान कुछ लोगों को आर्थिक मदद दी थी. उसी को भाजपा के लोग गलत रूप से प्रचारित कर रहे हैं. इससे उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। वह चुप नहीं बैठेंगे और ऐसे लोगों के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे.
उन्होंने कहा कि एक विधायक होने से पहले वह एक डॉक्टर हैं और किसी रूप में लोगों की सेवा भी कर रहे हैं. अभी समय कोरोना के खिलाफ मिलकर लड़ने की है, राजनीति करने की नहीं. कोरोना संक्रमण में अगर किसी को आर्थिक सहायता की जरूरत पड़ी तो भी वह मदद करने को तैयार हैं.