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झारखंडः अगर गिरफ्तारी हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा, सीएम सोरेन ने कहा- विपक्ष हिला-डुला नहीं सकता, सीबीआई और ईडी पर हमला

By एस पी सिन्हा | Updated: December 29, 2022 19:44 IST

हेमंत सोरेन ने पारसनाथ पर्वत को तीर्थ स्थल बनाने को लेकर चल रहे आंदोलन पर कहा कि सवाल सिर्फ एक स्थान का नहीं है। बल्कि बाबा धाम समेत सभी धार्मिक स्थलों को ध्यान में रखकर मंथन हो रहा है।

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ठळक मुद्देसरकार का निर्णय है। सरकार व्यक्तिगत नहीं, सामूहिकता में निर्णय करती है।शिबू सोरेन जब देश के कोयला मंत्री थे तो विरोधियों ने कोर्ट-कचहरी कराया।हेमंत सोरेन ने कहा कि पत्थर खनन लीज लेने संबंधी सवाल पर कहा कि कोई मलाल नहीं है।

रांचीः झारखंड में सरकार के तीन साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। इस मौके पर उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि विपक्ष उन्हें हिला-डुला नहीं सकता।

राजनीतिक हालात से संबंधित सवालों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यहां तक कह दिया कि अगर उनकी गिरफ्तारी हो जाए तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा। हेमंत सोरेन ने पारसनाथ पर्वत को तीर्थ स्थल बनाने को लेकर चल रहे आंदोलन पर कहा कि सवाल सिर्फ एक स्थान का नहीं है। बल्कि बाबा धाम समेत सभी धार्मिक स्थलों को ध्यान में रखकर मंथन हो रहा है।

यह पहले की सरकार का निर्णय है। सरकार व्यक्तिगत नहीं, सामूहिकता में निर्णय करती है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि जब शिबू सोरेन गिरफ्तार हो सकते हैं तो वे किस खेत की मनूली हैं। शिबू सोरेन जब देश के कोयला मंत्री थे तो विरोधियों ने कोर्ट-कचहरी कराया। जब हम सत्ता में नहीं रहेंगे तो गिरफ्तारी नहीं होगी। ऐसा भी दिन आएगा कि जो लोग ऐसा षड्यंत्र करेंगे, उनको दिक्कत होगी।

हेमंत सोरेन ने कहा कि पत्थर खनन लीज लेने संबंधी सवाल पर कहा कि इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है। राजनीति में आने से पहले से उनके नाम पर खनन लीज था। वे सांसद, विधायक, उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष से होते हुए मुख्यमंत्री बने हैं। यह सच्चाई विपक्ष को नहीं दिखता है। देश में राजनीति की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है।

विधायकों की खरीद-फरोख्त और केंद्रीय एजेंसियों का टूल की तरह उपयोग किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने बीस वर्षों के अत्याचार और कुशासन का लंबा मंजर देखा है। आने वाले समय में पूर्व के बीस साल और उनके शासनकाल के तीन वर्षों का भी लोग आकलन करेंगे। वे न तो व्यापारी हैं और ना ही पूंजीपतियों का नेतृत्व करते हैं।

उनके ऊपर आरोप लगाना आसान है क्योंकि वे ऐसे समाज से आते हैं जो आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से काफी कमजोर हैं। ऐसे लोगों का नेतृत्व इनके बीच का व्यक्ति ही कर सकता है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर प्रोजेक्ट भवन मेंराजकीय समारोह का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम पर आधारित रिपोर्ट का विमोचन किया। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के पुस्तक का लोकार्पण किया गया। विभागीय कार्य से जुड़े नियम परिनियम पर आधारित है पुस्तक।

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