झारखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
By भाषा | Updated: December 22, 2021 23:55 IST2021-12-22T23:55:21+5:302021-12-22T23:55:21+5:30

झारखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
रांची, 22 दिसंबर पंचम झारखंड विधानसभा का पांच दिनों का शीतकालीन सत्र बुधवार को संपन्न हो गया। सत्र में 2,926 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित करने के अलावा मॉब लिंचिंग के खिलाफ विशेष कानून से जुड़ा विधेयक पारित किया गया जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी।
सोलह दिसंबर से चल रहा झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो गया। पांच दिनों की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और विपक्ष ने झारखंड लोकसेवा आयोग की परीक्षा में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के आरोप लगाकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।
हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसमें कोई रुचि नहीं ली और दावा किया कि इन परीक्षाओं पर अंगुली उठाने वाले मनुवादी हैं जो दलितों एवं आदिवासियों का भला नहीं चाहते।
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्न काल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाओं जैसे नियमित कार्यों के अलावे विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दो हजार नौ सौ छब्बीस करोड़ बारह लाख रुपये के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन हुआ जिसके अनुदान मांगों पर वाद- विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान दिनांक 20 दिसंबर को कराया गया।
विधानसभा में मंगलवार को एक बेहद महत्वपूर्ण झारखंड (भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग) विधेयक, 2021 को सदन में पुरःस्थापित किया गया और इसे ध्वनिमत से सदन ने पारित कर दिया जिससे इसके कानून बनने का रास्ता साफ हो गया।
सत्र के अंतिम दिन नियमित कार्यों के साथ वित्त मंत्री ने 31 मार्च, 2020 एवं 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए वर्षों के लिए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का झारखंड राज्य के लेखा परीक्षा प्रतिवेदन राज्य वित्त, वित्त लेखे एवं विनियोग लेखे को सदन के पटल पर रखा।
इसके अतिरिक्त आज अंतिम दिन कुल तीन विधेयक ‘कोर्ट फीस (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2021’ , ‘झारखंड विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2021’ और ‘पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक, 2021’ भी पारित किये गये।
शीतकालीन सत्र में मुख्य विपक्षी भाजपा ने जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षाओं में कथित भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाया और इस मुद्दे पर अनेक बार सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी।
विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने आज सत्रान्त में अपने भाषण में बताया कि पूरे सत्र में कुल 293 प्रश्न स्वीकृत किये गए। 99 शून्यकाल प्राप्त हुए जिनमें 88 स्वीकृत हुए। ध्यानाकर्षण की 20 सूचनाएं स्वीकृत हुईं। लोकहित के विषयों पर कुल 31 निवेदन की सूचनाएं और 36 गैर सरकारी संकल्प लिये गए।
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