Jharkhand Assembly Elections: सीएम हेमंत से नाराज पूर्व सीएम चंपई सोरेन, झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले ऑपरेशन लोटस!, असम मुख्यमंत्री सरमा से 2 बार मुलाकात
By एस पी सिन्हा | Updated: August 17, 2024 15:45 IST2024-08-17T15:44:33+5:302024-08-17T15:45:57+5:30
Jharkhand Assembly Elections: मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद कई मौकों पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने चंपई सोरेन की तारीफ की है।

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Jharkhand Assembly Elections: झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा(झामुमो) में बड़ी टूट की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। राज्य के सियासी गलियारे में चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन नाराज हैं और वह कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। चंपई सोरेन फिलहाल हेमंत सोरेन सरकार में जल संसाधन विभाग और उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री हैं। चंपई सोरेन को लेकर अटकलों की वजह भी है। दरअसल, मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद कई मौकों पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने चंपई सोरेन की तारीफ की है।
विधानसभा के मानसून सत्र में भी भाजपा नेताओं ने सदन के भीतर उनकी प्रशंसा की। वहीं, भाजपा के चुनाव सह प्रभारी एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा समेत प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनके साथ सहानुभूति प्रकट करते हुए झामुमो नेतृत्व पर कई बार निशाना साधा है। सूत्रों के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से उनकी दो दौर की बातचीत भी हो गई है।
हालांकि, चंपई सोरेन ने इन खबरों का खंडन किया है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि आप लोग ऐसा सवाल कर रहे हैं पर, हम तो आपके सामने हैं। इसके बाद भी चर्चाओं का बाजार गरम है। चंपई सोरेन के अलावे हाल ही में विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए गए झामुमो के बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम का भाजपा में शामिल होना लगभग तय हो चुका है।
बता दें कि लोबिन हेम्ब्रम ने राजमहल संसदीय क्षेत्र से दल के प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ा था। लेकिन झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की शिकायत पर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दिया था। लोबिन हेम्ब्रम अरसे से मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बोलते रहे हैं। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सीता सोरेन ने भाजपा में शामिल होकर झामुमो को झटका दिया था।
भाजपा ने उन्हें दुमका से घोषित प्रत्याशी सुनील सोरेन को हटाकर चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। झारखंड के सियासी जानकारों का मानना है कि आसन्न विधानसभा चुनाव के तहत झामुमो और कांग्रेस को फिर झटका दिया जा सकता है। शीर्ष रणनीतिकार इस मुहिम में लगे हैं। बात-बात में ऐसे संदेश भी दिए जा रहे हैं।
भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि चुनाव पर भले ही इसका कुछ खास प्रभाव नहीं पड़े, लेकिन प्रतिद्वंद्वी पर मनोवैज्ञानिक बढ़त के लिए यह कवायद आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार चंपई सोरेन के अलावा झामुमो के 2 और वरिष्ठ नेता भाजपा के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि चंपई सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे हैं।