Jharkhand Assembly Elections: 15 नवंबर 2000 को झारखंड उदय!, 23 साल 8 माह में 13 मुख्यमंत्री बने, राजनीतिक गठबंधन के कई प्रयोग, केवल रघुवर दास ने पूरा किया कार्यकाल, जानिए

By एस पी सिन्हा | Updated: July 5, 2024 15:22 IST2024-07-05T15:20:51+5:302024-07-05T15:22:23+5:30

Jharkhand Assembly Elections: सभी प्रमुख दलों को यहां कभी न कभी सत्ता में रहने का मौका मिला। पूर्व में क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा के साथ मिलकर भी सरकार बनाई।

Jharkhand Assembly Elections emerged November 15, 2000, 13 Chief Ministers formed in 23 years and 8 months political alliances only Raghuvar Das completed tenure | Jharkhand Assembly Elections: 15 नवंबर 2000 को झारखंड उदय!, 23 साल 8 माह में 13 मुख्यमंत्री बने, राजनीतिक गठबंधन के कई प्रयोग, केवल रघुवर दास ने पूरा किया कार्यकाल, जानिए

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Highlightsरघुवर दास ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके। सरकारें बीच में ही धड़ाम होती रहीं। कई तरह के गठजोड़ बने।

Jharkhand Assembly Elections: बिहार से पृथक होकर एक नए राज्य के रूप में वर्ष 2000 में 15 नवंबर को झारखंड का उदय हुआ। तकरीबन 23 साल 8 माह की उम्र वाले इस सूबे में अब तक 13 मुख्यमंत्री बने और तीन दफा राष्ट्रपति शासन लगा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि करीब-करीब 24 साल वाले इस झारखंड की सियासत खंड-खंड होती रही है। भाजपा सबसे लंबे समय तक सत्ता में रही, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में केवल रघुवर दास ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके। बाकी सरकारें बीच में ही धड़ाम होती रहीं। इस बीच कई तरह के गठजोड़ बने।

लगभग सभी प्रमुख दलों को यहां कभी न कभी सत्ता में रहने का मौका मिला। पूर्व में क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा के साथ मिलकर भी सरकार बनाई। झारखंड में राजनीतिक गठबंधन के कई प्रयोग हुए। कहा जाए तो यह राज्य राजनीतिक अस्थिरता की प्रयोगशाला बनकर रह गया है।

अब झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में गुरुवार को हेमंत सोरेन के शपथ लेने के बाद राज्य में जो नई सरकार अस्तित्व में आई है, उसकी अधिकतम उम्र 6 महीने होगी। झारखंड की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को पूरा हो रहा है। हालांकि संभावना व्यक्त की जा रही है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ यहां अक्टूबर में ही विधानसभा चुनाव हो सकता है।

ऐसा होने पर इस सरकार का कार्यकाल तीन से चार महीने ही होगा। इसके पहले 2 फरवरी को चंपई सोरेन की अगुवाई में बनी सरकार का चैप्टर महज 152 दिनों में ही बंद हो गया। झारखंड में मुख्यमंत्रियों का औसत कार्यकाल लगभग डेढ़ साल का है। 2019 में हुए विधानसभा के चुनाव के बाद से अब तक राज्य में तीन सरकारें बन चुकी हैं।

झारखंड के नाम ही यह नायाब राजनीतिक रिकॉर्ड भी है कि यहां निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा भी मुख्यमंत्री रहे हैं। वह लगभग दो साल तक इस पद पर रहे। हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन भी तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में वे सिर्फ 10 दिन ही इस कुर्सी पर बैठ पाए थे।

वर्ष 2000 से 2014 के बीच झारखंड में पांच मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व वाली नौ सरकारें बनीं। इस दौरान बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन बारी-बारी से मुख्यमंत्री बने और उनका औसत कार्यकाल लगभग 15 महीने रहा। राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का कार्यकाल लगभग दो साल तीन महीने रहा था।

अर्जुन मुंडा तीन बार मुख्यमंत्री बने और उनका कुल कार्यकाल छह साल से कुछ कम रहा। झारखंड ने कुल 645 दिनों के लिए तीन बार राष्ट्रपति शासन भी देखा है। आरंभ से ही झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता का दौर रहा। इसकी एक बड़ी वजह किसी एक राजनीतिक दल को विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाना रहा। वर्ष 2019 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को परास्त कर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस और राजद के सहयोग से सरकार बनाने में कामयाबी पाई।

Web Title: Jharkhand Assembly Elections emerged November 15, 2000, 13 Chief Ministers formed in 23 years and 8 months political alliances only Raghuvar Das completed tenure

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