Jharkhand Assembly Elections: भाजपा ने कसी कमर?, 5400 किमी की 'परिवर्तन यात्रा', 20 सितंबर से 3 अक्टूबर, सोरेन सरकार पर हमला, जानिए कार्यक्रम
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 24, 2024 15:13 IST2024-09-24T14:53:08+5:302024-09-24T15:13:41+5:30
Jharkhand Assembly Elections: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 सितंबर को साहिबगंज के भोगनाडीह से रैली का उद्घाटन किया था।

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Jharkhand Assembly Elections: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड को लेकर कमर कस ली है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले 'परिवर्तन यात्रा' (परिवर्तन रैली) शुरू करने के लिए तैयार है। जिसका लक्ष्य हेमंत सोरेन सरकार को चुनौती देना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 सितंबर को साहिबगंज के भोगनाडीह से रैली का उद्घाटन किया था। 'परिवर्तन यात्रा' 20 सितंबर से 3 अक्टूबर तक चलेगी, जिसके दौरान भाजपा का इरादा झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार के कथित भ्रष्टाचार और विफलताओं को उजागर करना है।
'परिवर्तन यात्रा' के उद्देश्य भाजपा ने झारखंड के विभिन्न संभागों में छह 'परिवर्तन यात्राएं' आयोजित करने की योजना बनाई है, जो 5,400 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 24 जिलों के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार की कमियों को उजागर करना है। नारे के साथ जनता का समर्थन जुटाना है- “न हम सहेंगे, न चुप रहेंगे; हम बदलाव लाएंगे।”
झारखंड के सभी पांच संभागों संथाल परगना, पलामू, उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर और कोल्हान से गुजरेगा। भाजपा इस बात पर जोर देती है कि 'परिवर्तन यात्रा' केवल एक राजनीतिक पैंतरेबाज़ी नहीं है, बल्कि विकास, रोजगार और सामाजिक सद्भाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए झारखंड में सार्थक बदलाव की प्रतिबद्धता है।
इस यात्रा में कई राज्यों की मुख्यमंत्रियों सहित भाजपा के करीब 50 राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेता इस तरह की रैलियों में शामिल होंगे। झारखंड में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले, यहां 2019 में 81 विधानसभा सीट के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में चुनाव हुए थे और नतीजे 23 दिसंबर को घोषित किए गए थे।
मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने एक ही चरण में चुनाव कराने की मांग की तथा अनुरोध किया कि गृह सचिव वंदना दादेल को चुनाव संबंधी कर्तव्यों से मुक्त रखा जाए। झारखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए चुनाव 23 दिसंबर, 2019 को संपन्न हुआ था और 29 दिसंबर को सरकार का गठन हुआ था। इसलिए, यदि छठी विधानसभा का चुनाव दिसंबर के पहले सप्ताह तक संपन्न हो जाता है, तो वर्तमान राज्य सरकार को अपना पूरा कार्यकाल समाप्त करने का अवसर मिलेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झामुमो नीत सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर ‘घुसपैठ’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर ‘घुसपैठियों’को रोका नहीं गया तो वे अगले 25-30 साल में राज्य में बहुसंख्यक हो जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि घुसपैठिये ‘‘ आदिवासी संस्कृति और पहचान को नष्ट कर रहे हैं’’ और वादा किया वह राज्य से उन्हें बाहर निकालेंगे।
शाह ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी विधानसभा चुनाव के बाद दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर घुसपैठ को रोका नहीं गया तो आगामी 25-30 साल में झारखंड में घुसपैठिये बहुमत में आ जाएंगे। राज्य में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है। वे हमारी बेटियों से विवाह कर रहे हैं और जमीन कब्जा कर समृद्ध आदिवासी संस्कृति और विरासत को नष्ट कर रहे हैं...हम प्रत्येक को बाहर निकालेंगे...यहां कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) खिलने दीजिए।’’ शाह ने कहा, ‘‘ भाजपा झारखंड में दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार के दौरान राज्य में भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच गया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि झामुमो नीत सरकार ने ‘‘राज्य के आदिवासियों, दलितों और महिलाओं और अन्य के साथ अन्याय किया है।’’ झामुमो नीत सरकार की ‘नाकामियों को उजागर’ करने के लिए छह ‘परिवर्तन यात्रा’ निकालेगी।