झारखंड विधानसभा चुनाव: EVM से मतदान होने पर झामुमो को है शक, हेमंत सोरेन चाहते हैं कि बैलेट से हो मतदान
By एस पी सिन्हा | Updated: September 4, 2019 16:51 IST2019-09-04T16:51:43+5:302019-09-04T16:51:43+5:30
Jharkhand Assembly Election 2019: हेमंत सोरेन इन दिनों झारखंड में बदलाव यात्रा पर निकले हुए हैं और वह ईवीएम से संभावित डर को सर्वजनिक तौर पर बयान करने लगे हैं.

File Photo
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को विधानसभा चुनाव में ईवीएम से मतदान होने पर डर लगने लगा है. वह आगामी विधानसभा चुनाव में बैलेट से मतदान कराने की मांग करने हैं. उन्होंने कहा है कि ईवीएम पर शक गहरा रहा है. देश भर में इसकी शिकायतें हो रही हैं. कई जगह मतदाताओं की संख्या से ज्यादा मतदान होने की खबरें आ रही हैं.
हेमंत सोरेन इन दिनों झारखंड में बदलाव यात्रा पर निकले हुए हैं और वह ईवीएम से संभावित डर को सर्वजनिक तौर पर बयान करने लगे हैं. हेमंत सोरेन जनता को यह बताते हैं कि भाजपा ने धनबल से लोकसभा चुनाव जीता है. इस पार्टी ने इतने पैसे खर्च किए कि लगता है कि इनके पास नोट छापने की मशीन है.
उनका कहना है कि चुनाव जीतने के लिए विभिन्न तरह की मशीनरी का दुरुपयोग किया गया है. जनता को एक साजिश के तहत भरमाया गया. लेकिन विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं चलने वाला है. जनता भाजपा का खेल समझ चुकी है.
उन्होंने कहा कि झामुमो राज्य में भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में अगर महागठबंधन शक्ल लेता है तो झामुमो महागठबंधन के बड़े भाई की भूमिका में रहेगा. अब उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा और जल्दी ही महागठबंधन के दूसरे घटक दलों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई जाएगी. वह चाहते हैं कि पूरा महागठबंधन एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ेगा.
हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले दिनों में झामुमो प्रदेश की जनता के बीच व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करेगी. इसमें युवाओं और महिलाओं के बीच पार्टी का संदेश पहुंचाने की कोशिश होगी. विधानसभा चुनाव का एजेंडा झामुमो ही सेट करेगा. लोकसभा चुनाव में तो गलत आधार पर समाज का ध्रुवीकरण किया गया, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था.
हेमंत सोरेन ने कहा कि लोकसभा चुनाव की हार-जीत से झामुमो के समाप्त होने का कयास लगाने वाले को करारा झटका लगेगा. पहले भी गुरुजी हारे हैं. उसके बाद पार्टी ज्यादा मजबूत होकर उभरी है. उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक में हार के कारणों की समीक्षा हुई है. उन्होंने कहा कि झामुमो ने महागठबंधन को ज्यादा सहयोग किया है. दूसरे घटक का कितना वोट झामुमो को ट्रांसफर हुआ है, यह समीक्षा का विषय है.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन महागठबंधन का स्वरूप क्या होगा? मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन होगा? इसपर पेंच फंसा हुआ है. विधानसभा चुनाव 2019 में महागठबंधन की ओर से झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने हेमंत सोरेन की दावेदारी को खारिज कर दिया है.