मनी लॉन्ड्रिंग: जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को ED ने देर रात लिया हिरासत में, घर पर छापेमारी
By पल्लवी कुमारी | Published: March 5, 2020 07:52 AM2020-03-05T07:52:18+5:302020-03-05T07:52:18+5:30
साल 2019 के सितंबर महीने में भी ईडी ने नरेश गोयल से पूछताछ की थी। उनसे यह पूछताछ विदेशी मुद्रा विनिमय कानून के कथित उल्लंघन मामले में की गई थी।
जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार देर रात हिरासत में ले लिया है। नरेश गोयल को हिरासत में ईडी ने उनके बलार्ड एस्टेट ऑफिस में घंटों पूछताछ के बाद लिया। जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ नरेश गोयल के मुंबई स्थित घर में ईडी ने छापेमारी की है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने नरेश गोयल पर एक नया केस दर्ज किया है। जिसको लेकर ईडी ने बुधवार को सुबह नरेश गोयल को नोटिस भेजा था।
छापेमारी से पहले ईडी ने फेमा (FEMA) के तहत कार्रवाई करते हुए दिल्ली और मुंबई में 12 जगहों पर तलाशी ली गई थी, जिसमें जेट अधिकारियों के परिसर भी शामिल थे। तलाशी के उस वक्त नरेश गोयल की 19 कंपनियों की जानकारी मिली थी, जिनमें से 5 कंपनियां विदेश में रजिस्टर्ड हैं। ईडी जेट के 12 सालों के वित्तीय डील की जांच कर रही है। ईडी ने फेमा (FEMA) केस में गयोल से दर्जनों बार पूछताछ की है। इस मामले में ईडी ने नरेश गोयल की पत्नी अनिता गोयल और बेटे से भी दो-तीन बार पूछताछ की है।
2019 के अगस्त और सितंबर में भी जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल के घर पर हुई थी छापेमारी
साल 2019 के सितंबर महीने में भी ईडी ने नरेश गोयल से पूछताछ की थी। उनसे यह पूछताछ विदेशी मुद्रा विनिमय कानून के कथित उल्लंघन मामले में की गई थी। वहीं अगस्त 2019 में उनके घरों और दफ्तरों में ईडी ने तलाशी भी लिया था। ईडी ने 23 अगस्त को गोयल के मुंबई स्थित आवास, उनके समूह की कंपनियों, उनके निदेशकों और जेट एयरवेज के कार्यालयों समेत दर्जनभर ठिकानों की तलाशी ली थी। एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि गोयल समूह ने 19 निजी कंपनियां पंजीकृत करायी हुई थीं। इसमें से पांच का पंजीकरण विदेश में कराया गया है। निदेशालय इन कंपनियों के खिलाफ बिक्री, वितरण और परिचालन खर्च की आड़ में संदिग्ध लेनदेन के कथित आरोपों की जांच कर रही है।
ईडी को अंदेशा था कि इन कंपनियों में खर्च को कथित तौर पर बढ़ा-चढ़ा कर या फर्जी रूप से दर्ज किया गया जिसके चलते कंपनी को भारी नुकसान में दिखाया गया। एजेंसी की जांच के दायरे में कंपनी द्वारा विमानों को पट्टे पर लेने के लिए किए गए कथित संदिग्ध लेनदेन भी हैं जो वास्तव में ऐसी विदेशी कंपनियों के साथ किए गए जो अस्तित्व में नहीं हैं। निदेशालय को संदेह है कि जेट एयरवेज ने ‘फर्जी कंपनियों’ को विमान पट्टे पर लेने का भुगतान किया जिनका लेनदेन जानबूझकर गोयल कंपनियों में अवैध तौर पर धन जमा कराने के लिए किया गया।