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538 करोड़ के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार हुए जेट एयरवेज संस्थापक नरेश गोयल, आज अदालत में होगी पेशी

By मनाली रस्तोगी | Updated: September 2, 2023 07:17 IST

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ एफआईआर केनरा बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) को 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा और ऋण मंजूर किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया है।

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ठळक मुद्देगोयल को शनिवार को मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी।सीबीआई ने कहा था कि खाते को जुलाई 2021 में फ्रॉड घोषित कर दिया गया था।एफआईआर में कहा गया है कि गोयल परिवार के व्यक्तिगत खर्च जैसे कर्मचारियों का वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च आदि का भुगतान जेआईएल द्वारा किया गया था।

नई दिल्ली: जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केनरा बैंक से जुड़े कथित 538 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। मुंबई में ईडी के कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद गोयल को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया। 74 वर्षीय गोयल को शनिवार को मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी।

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केनरा बैंक में कथित 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) से उपजा है। 

एफआईआर बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) को 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा और ऋण मंजूर किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया है। सीबीआई ने कहा था कि खाते को जुलाई 2021 में फ्रॉड घोषित कर दिया गया था। 

बैंक ने आरोप लगाया कि जेआईएल के फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि उसने संबंधित कंपनियों को कुल कमीशन खर्चों में से 1,410.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया, इस प्रकार जेआईएल से धनराशि निकाल ली गई। एफआईआर में कहा गया है कि गोयल परिवार के व्यक्तिगत खर्च जैसे कर्मचारियों का वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च आदि का भुगतान जेआईएल द्वारा किया गया था।

फॉरेंसिक ऑडिट के दौरान यह सामने आया कि जेट लाइट (इंडिया) लिमिटेड (जेएलएल) के माध्यम से अग्रिम और निवेश करके और बाद में प्रावधान करके उसे बट्टे खाते में डालकर धन की हेराफेरी की गई। जेआईएल ने कथित तौर पर ऋण, अग्रिम और विस्तारित निवेश के रूप में सहायक कंपनी जेएलएल के लिए धन का दुरुपयोग किया।

टॅग्स :जेट एयरवेजसीबीआईप्रवर्तन निदेशालय
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