'जवाहर' विमोचन समारोह: 'बाबूजी' को याद कर गुलाम नबी आजाद ने कहा, "बहुत अच्छे व्यक्ति, बेहतर पिता, सब धर्मों को साथ लेकर चलने वाली बात, उनमें थी"

By आकाश चौरसिया | Published: December 4, 2023 06:30 PM2023-12-04T18:30:37+5:302023-12-04T18:43:39+5:30

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "छोटे भाई और दर्डा परिवार के मुखिया और लोकमत टाइम्क के जितने ग्रुप हैं, उसके चैयरमेन, उससे छोटे भाई और एडिटर इन चीफ राजेंद्र दर्डा जी को देखकर अच्छा लगा और दोनों भाई इस तरह से आगे लिये इस समूह को छोटे भाई ने बड़े का साथ दिया, जिसे देखकर बड़ा अच्छा लगता है।" 

Jawahar release ceremony Remembering Babuji Ghulam Nabi Azad said he had the ability to take all religions together | 'जवाहर' विमोचन समारोह: 'बाबूजी' को याद कर गुलाम नबी आजाद ने कहा, "बहुत अच्छे व्यक्ति, बेहतर पिता, सब धर्मों को साथ लेकर चलने वाली बात, उनमें थी"

फाइल फोटो

Book launch Jawahar based on senior freedom fighter Jawaharlal Darda: लोकमत के संस्थापक, वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं राजनीतिक-सामाजिक नेता श्री जवाहरलाल दर्डा 'बाबूजी'  के अद्भुत प्रेरणादायी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पुस्तक ‘जवाहर’ के विमोचन के मौके पर जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद पहुंचे।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "छोटे भाई और दर्डा परिवार के मुखिया और लोकमत टाइम्क के जितने ग्रुप हैं, उसके चैयरमेन विजय दर्डा का साथ देते हुए छोटे भाई और एडिटर इन चीफ राजेंद्र दर्डा जी को देखकर अच्छा लगता है। दोनों भाई इस तरह से समूह को आगे लाये और उसमें छोटे भाई के योगदान को देखकर बड़ा अच्छा लगता है।" 

उन्होंने आगे कहा, "तावड़े जी बहुत अच्छा बोले, आचार्य जी भी अच्छा बोले, पहली दफा बघेल जी को सुनने का मौका मिला, बहुत सारे एमपी को देख रहा था, जिसमें समाजवादी, निर्दलीय और कांग्रेस के सांसद भी थे। इसी तरह की सभा कहीं और थी, हमारे जैसे व्यक्ति को आखिर में बोलने का मौका मिला, तो एक-एक कर सब चलते गये और एक आदमी बाद में रुका, बोलने वाला उठा और कहा कि आपका सबसे ज्यादा धन्यवाद, कि आपको इतना मुझे सुनने में रुचि रखते हैं, कि सब चले गये हैं कि और आप हैं। तब कहा जनाब मुझे कोई रुचि नहीं, बस माइक का इंतजार कर रहा हूं।" 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "लेकिन यहां एक वाल तो बात नहीं है और आज का कार्यक्रम ऐसा है कि ऐसे व्यक्ति के जीवन के बारे में, जिनको लेकर आज बुक रिलीज हुई, शायद यहां उनके दो बेटे के अलावा कोई जानता है, तो सबसे ज्यादा उन्हें मैं जानता हूं।" 

फिर, उन्होंने जवाहर दर्डा जी को याद कर उन दिनों की बात की जब वो युथ कांग्रेस के सचिव थे, तब गुलाम आजाद महाराष्ट्र के इंचार्ज थे, ये तब की बात है, तब कांग्रेस पार्टी विपक्ष में थी। उस दौरान इंदिरा जी ने कहा, "गुलाम साहब आपको 1979 में महाराष्ट्र के विदर्भ से लोकसभा का चुनाव लड़ना है, उस लोकसभा क्षेत्र में दो विधानसभा यवतमाल से आती थी। संसदीय कमेटी ने आदेश देकर कहा कि मुझे महाराष्ट्र से लड़ना है। तब अकाल था, सीनियर लोग चले गये थे।" 

इसके बाद एक बार इंदिरा गांधी ने कहा, "अंतुली जी को बताया कि नागपुर से गुलाम नबी आजाद चुनाव लड़ेंगे और ये बात जवाहर जी से कहिये कि गुलाब जी के पर्चे और प्रचार सबकुछ देखें।" इस बात को ध्यान करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, "इलेक्शन कैंपेन से लेकर, जवाहर दर्डा जी के साथ खाना खाना, तब से लेकर अब तक मैंने उनको बहुत करीब से देखा और जाना है।" 

सोमवार, 4 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष पद्म भूषण गुलाम नबी आजाद, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मंत्री विनोद तावड़े, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, मीडिया में अपने विचारों से अलग पहचान रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अलोक मेहता प्रमुखता से मौजूद रहें।

इस मौके पर वर्ल्ड पीस सेंटर और अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि जी आशीर्वचन देने मौजूद रहें। अपना सम्पूर्ण जीवन देश के लिए, गरीबों के कल्याण और दलितों के उत्थान के लिए समर्पित करने वाले कट्टर गांधीवादी जवाहरलाल दर्डा के कर्मठ जीवन के विभिन्न पहलुओं का इस पुस्तक में विवरण है, जो आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

देश की आजादी के लिए संघर्ष से लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री तक की यात्रा के दौरान आए अनेक पड़ावों, संघर्षों और नैतिक मूल्यों से भरी उनकी जीवन यात्रा को पुस्तक में संजोया गया है। श्री जवाहरलाल दर्डा जैसे व्यक्ति का जन्म कई सौ वर्षों में एक बार होता है। उनका सम्पूर्ण जीवन समाज और देश के लिए प्रेरणादायी था। उन्होंने अद्भुत साहस, नेतृत्व, कौशल और नैतिक मूल्यों के साथ भारत को महान बनाने के लिए कठिन प्रयास किया. उनके विचार और कार्य हम सभी को आगे बढ़ने की सदा प्रेरणा देते हैं।

Web Title: Jawahar release ceremony Remembering Babuji Ghulam Nabi Azad said he had the ability to take all religions together

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