Janta Curfew: शाहीन बाग की महिलाओं ने जनता कर्फ्यू पर दिया PM मोदी को समर्थन, धरनास्थल पर जूते-चप्पल रखकर हटे प्रदर्शनकारी

By अनुराग आनंद | Published: March 22, 2020 02:04 PM2020-03-22T14:04:34+5:302020-03-22T14:04:34+5:30

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस पर अरविंद केजरीवाल सरकार के आदेश के बाद किसी भी समय 50 से अधिक महिलाएं विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही थीं।

Janta curfew: women of Shaheen Bagh support public curfew, protesters moved by holding shoes and slippers | Janta Curfew: शाहीन बाग की महिलाओं ने जनता कर्फ्यू पर दिया PM मोदी को समर्थन, धरनास्थल पर जूते-चप्पल रखकर हटे प्रदर्शनकारी

कोरोना वायरस को लेकर जनता कर्फ्यू को शाहीन बाग की महिलाओं का समर्थन (फाइल फोटो)

Highlightsकोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने के लिए 'जनता कर्फ्यू' (Janta Curfew) का असर पूरे भारत में देखा जा रहा है।शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने दिया जनता कर्फ्यू को समर्थन।

नई दिल्लीजनता कर्फ्यू (Janata Curfew) पर शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों का प्रतीकात्मक धरना प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने प्रदर्शनस्थल पर मौजूदगी दर्ज कराने के लिए अपने जूते-चप्पल तख्त पर रख दिए हैं। सभी प्रदर्शनकारी वहां से हटकर वापस अपने घर गए हैं। 

कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने के लिए 'जनता कर्फ्यू' (Janta Curfew) का असर पूरे भारत में देखा जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन सीएए (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ महिलाएं भी अब इसके समर्थन में आ गई है। बता दें कि रविवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शन वाली जगह पर एक पेट्रोल बम फेंका गया है।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, ' शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि आज CAA विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर एक पेट्रोल बम फेंका गया।'  सीएए के विरोध में महिलाओं ने दिसंबर के मध्य से ही दक्षिणपूर्वी दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क का एक साइड अवरूद्ध कर रखा है। 

सोमवार को, दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 50 से अधिक लोगों वाले समारोहों की अनुमति नहीं है, जिसकी संख्या घटाकर अब 20 कर दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, 'यह शाहीन बाग पर भी लागू होता है।' 


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसी भी समय 50 से अधिक महिलाएं विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही हैं। हम छोटे टेंटों के नीचे बैठेगें हैं। केवल दो महिलाएं प्रत्येक टेंट के नीचे बैठेंगी और अपने बीच एक मीटर से अधिक दूरी बनाए रखेंगी। प्रदर्शन के प्रमुख आयोजकों में से एक, तासीर अहमद ने कहा कि पर्याप्त संख्या में सैनिटाइटर और मास्क की व्यवस्था की गई है और प्रदर्शन स्थल को नियमित अंतराल पर संक्रमण-मुक्त किया जा रहा है।

CAA के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले शाहीन बाग के धरने को 90 से अधिक दिन हो गए हैं। धरने में महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इसमें फैज अहमद फैज की कविताओं का पाठ किया गया है। विविधता में एकता और क्रांति के नारे लगाए जा रहे हैं। यहां संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर से धरना जारी है।

पीएम मोदी ने गुरुवार को देश के नाम संबोधन में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 'संयम और संकल्प' का आह्वान करते हुए देशवासियों से रविवार को 'जनता कर्फ्यू' का पालन करने को कहा था। उन्होंने टीवी पर प्रसारित करीब 30 मिनट के संबोधन में कोरोना वायरस के खतरे पर जोर देते हुए लोगों से घरों के भीतर रहने और जितना संभव हो सके उतना घर से काम करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि दुनिया ने इतना गंभीर संकट पहले कभी नहीं देखा। 

Web Title: Janta curfew: women of Shaheen Bagh support public curfew, protesters moved by holding shoes and slippers

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