कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा- अनुच्छेद 370 हटाकर ऐतिहासिक गलती सुधारी गई, और नेताओं ने क्या कहा, पढ़ें
By भाषा | Published: August 6, 2019 06:57 AM2019-08-06T06:57:43+5:302019-08-06T06:57:43+5:30
द्विवेदी ने कहा कि यह राष्ट्रीय संतोष की बात है कि स्वतंत्रता के समय की गई गलती को सुधारा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत पुराना मुद्दा है। स्वतंत्रता के बाद कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं चाहते थे कि अनुच्छेद 370 रहे। मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध करते थे..।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित क्षेत्रों में बांटने के केंद्र सरकार के कदम का समर्थन किया और अपनी पार्टी के रुख के विपरीत राय रखते हुए कहा कि सरकार ने एक ‘‘ऐतिहासिक गलती’’ सुधारी है।
द्विवेदी ने कहा कि यह राष्ट्रीय संतोष की बात है कि स्वतंत्रता के समय की गई गलती को सुधारा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत पुराना मुद्दा है। स्वतंत्रता के बाद कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं चाहते थे कि अनुच्छेद 370 रहे। मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध करते थे। मेरे व्यक्तिगत विचार से तो यह एक राष्ट्रीय संतोष की बात है।’’ गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों.... जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया है। इससे संबंधित दो संकल्पों एवं एक विधेयक को सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गयी।
ऐतिहासिक गलती सुधारने का साहसी कदम: धर्मेंद्र प्रधान
केन्द्रीय मंत्री धर्मेंन्द्र प्रधान ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि एक ऐतिहासिक गलती को सुधारने का यह एक साहसिक कदम है। मंत्री ने ट्वीट किया,‘‘कुछ लोगों में विषम परिस्थितियों में भी संयम बनाए रखने की क्षमता होती है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका आदर्श पेश करते हैं।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा,‘‘ माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को एक ऐतिहासिक गलती सुधारने के लिए साहसिक कदम उठाने पर बधाई।’’ गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 समाप्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों.... जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया है।
अनुच्छेद 370 खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास को बढ़ावा मिलेगा: रावत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने के निर्णय से जम्मू कश्मीर में विकास को बढ़ावा मिलेगा और वहां के लोग देश की मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे । यहां मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के मामले में लिये गये निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसके लिए वह उत्तराखंड की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई देते हैं । उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 में बदलाव करने से देश और जम्मू कश्मीर के बीच की दूरियां मिटेंगीं, इससे जम्मू कश्मीर में विकास को बढ़ावा मिलेगा और वहां के लोग देश की मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे।' रावत ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने अपने वादे को निभाया है और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 का प्रभाव खत्म करने का साहस दिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वास्तव में देश एक हुआ है।
देश और जम्मू-कश्मीर के हित में है अनुच्छेद 370 हटाने का निर्णय: दीपेंद्र हुड्डा
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश के रूप में बांटने के सरकार के कदम का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि यह निर्णय देश की अखंडता और जम्मू-कश्मीर के हित में हैं। यद्यपि उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी निजी राय है। हुड्डा ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए। ऐसा सिर्फ देश की अखण्डता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है।’’ उन्होंने कहा, ''अब सरकार की यह ज़िम्मेदारी है की इस का क्रियान्वयन शांति व विश्वास के वातावरण में हो। '' गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों.... जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया है। इससे संबंधित दो संकल्पों एवं एक विधेयक को सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गयी।
अनुच्छेद 370 को हटाना अविवेकपूर्ण : हबीबुल्ला
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र के फैसले को ‘‘प्रतिगामी और अविवेकपूर्ण’’ कदम करार देते हुए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वजाहत हबीबुल्ला ने सोमवार को कहा कि इससे आम आदमी के अधिकार में कमी आएगी जो अब केंद्रशासित क्षेत्र का हिस्सा होगा। राज्य के विभिन्न जिलों में काम कर चुके हबीबुल्ला ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह एक प्रतिगामी कदम है। आप आम आदमी के अधिकार को कम कर रहे हैं...यदि आप इसे (जम्मू कश्मीर) केंद्रशासित बना रहे हैं तो यह सीधे केंद्र सरकार के शासन के अधीन आ जाता है।’’ पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित बनाने से ‘‘मुख्यमंत्री केजरीवाल’’ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। हबीबुल्ला ने कहा कि फैसले का समय भी गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि जब राज्य में अशांति है तो ऐसे में यह एक अविवेकपूर्ण निर्णय है।’’
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का स्वागत किया
देश के बाल अधिकार निकाय ने सोमवार को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के बच्चों को शिक्षा का अधिकार एवं कानून के विभिन्न प्रावधानों का संरक्षण मिलेगा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि अब राज्य के बच्चों को शिक्षा के बुनियादी अधिकार मिलेंगे और वे कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत संरक्षित हो पाएंगे। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में बच्चों को अब बाल श्रम के किसी भी रूप से बाल श्रम निषेध और विनियमन अधिनियम द्वारा संरक्षित किया जाएगा। जम्मू और कश्मीर में बच्चों को अब उनकी शिक्षा का मौलिक अधिकार मिलेगा जो पहले अनुच्छेद 21 ए में दिया गया था।