तीनों दिनों के लिए बंद हुआ जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे, पहले भी कई बार रहा चर्चा में
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 23, 2023 02:16 PM2023-02-23T14:16:35+5:302023-02-23T14:17:14+5:30
आतंकवाद की शुरूआत के साथ ही इस नेशनल हाईवे पर जब आतंकियों ने बारूदी सुरंगें लगा और लांचरों से हमले कर सैनिकों और नागरिकों को मारना आरंभ किया तो यह प्रतिदिन सुर्खियों में रहने लगा था।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को शेष विश्व से जोड़ने वाला एकमात्र 300 किमी लंबा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे एक बार फिर चर्चा में है। यह चर्चा तीन दिवसीय ‘ड्राई डे’ के कारण है। जनाब आप गलत समझ रहे हैं। आप शायद यह समझ रहे हैं कि इन तीन दिनों के ‘ड्राई डे’ के दौरान इस हाईवे पर शराबबंदी होगी। ऐसा नहीं है इस पर ‘ड्राई डे’ के दिनों में सिर्फ वाहनबंदी होगी अर्थात वाहनों को नहीं चलने दिया जाएगा।
इतना जरूर था कि ताजा तीन दिनों के ‘ड्राई डे’ के कारण चर्चा में आया जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे का चर्चाओं से पुराना नाता है। अतीत में भी कई बार यह चर्चा में रहा है। सर्दियों में बर्फबारी और बरसात में बारिश के कारण यह चर्चा में तो रहता ही है।
आतंकवाद की शुरूआत के साथ ही इस नेशनल हाईवे पर जब आतंकियों ने बारूदी सुरंगें लगा और लांचरों से हमले कर सैनिकों और नागरिकों को मारना आरंभ किया तो यह प्रतिदिन सुर्खियों में रहने लगा था। इन हमलों में सैंकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं। यह हमले फिलहाल रूके नहीं है पर इतना जरूर था कि उन्हें नाकाम बना दिया जाता रहा है।
अफसोस इस बात का था कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के लेथपोरा में इसी हाईवे पर हुए आज तक के सबसे भीषण आतंकी हमले को रोका नहीं जा सका था, जिसमें 50 के करीब केरिपुब के जवानों की मौत हो गई थी।
अब इस पर रख रखाव और मरम्मत के लिए कल यानि 24 फरवरी और 3 व 10 मार्च को वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लागू किया गया है। खबर यह नहीं है कि यह प्रतिबंध लागू कर उन हजारों लोगों के लिए परेशानी पैदा की गई है जिन्हें जम्मू से कश्मीर और कश्मीर से जम्मू का सफर करना है बल्कि खबर यह है कि इस रोडबंदी कह लिजिए या वाहनबंदी को यातायात पुलिस ने ‘ड्राई डे’ का नाम देकर इसे सुर्खियों लाकर चर्चा का विषय बना दिया है।
एक यातायत पुलिस अधिकारी के बकौल, जब इस पर कोई वाहन ही नहीं चलेगा तो उसे ‘ड्राई डे’ ही कहा जाता है। यह पहली बार है कि इस हाईवे पर तीन दिनों के लिए ‘ड्राई डे’ लागू किया जा रहा है। वैसे गैर सरकारी तौर पर कोरोना काल के दौरान हुए पहले लाकडाउन के अरसे में भी इस पर कई महीनों तक ‘ड्राई डे’ रहा था। तब यह सुर्खियों में उस समय आया था जब इस पर चलने वालों को हाथों पर अनुमति की मुहर लगवा कर चलना पड़ा था और अब एक बार फिर यह चर्चा में है।