‘दरबार मूव’ की परंपराः मात्र साढ़े तीन माह के लिए फूंके जाएंगे करोड़ों रुपये,  कर्मचारी भी विरोध में उतरे, जानिए मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 13, 2020 05:20 PM2020-06-13T17:20:21+5:302020-06-13T17:20:21+5:30

दरअसल केंद्र शासित प्रदेश बने आठ महीने बीतने और अनुच्छेद 370 को खत्म हुए दस महीने बीत जाने के बावजूद भी न तो केंद्र सरकार और न ही प्रदेश प्रशासन दरबार मूव की परंपरा पर कोई नीति निर्धारित कर पाया है। कोरोना काल में दरबार मूव की परंपरा को जारी रखने का नागरिक सचिवालय के कर्मचारी भी विरोध कर चुके हैं।

Jammu Kashmir Tradition 'Darbar Move' Crores rupees blown three and half months employees also come out protest | ‘दरबार मूव’ की परंपराः मात्र साढ़े तीन माह के लिए फूंके जाएंगे करोड़ों रुपये,  कर्मचारी भी विरोध में उतरे, जानिए मामला

कोरोना महामारी के कारण हालांकि जम्मू आधारित कर्मचारियों को जम्मू से काम करने की अनुमति दी गई है। (file photo)

Highlightsइस बार के दरबार मूव की खास बात यह है कि हर वर्ष की भांति यह इस बार 6 माह का न होकर मात्र साढ़े 3 माह की अवधि का होगा।अगले महीने श्रीनगर में दरबार लगने के बाद अक्तूबर के शुरू में इसे फिर से जम्मू लौट आना है।नाखुश वह टोल प्लाजा के बनने पर भी है पर सिर्फ सोशल मीडिया या व्हाट्सएप ही उसकी नाराजगी नजर आई है।

जम्मूः पिछले साल पांच अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद इसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया।

अब दस महीने बीत जाने के बाद भी ‘दरबार मूव’ की परंपरा को समाप्त नहीं किया गया है। और इस बार ‘दरबार मूव’ की परंपरा का दुखदायी पहलू यह है कि मात्र साढ़े तीन महीनों के लिए परंपरा को निभाने की खातिर इस पर करोड़ों रुपया फूंकने की तैयारी है।

दरअसल केंद्र शासित प्रदेश बने आठ महीने बीतने और अनुच्छेद 370 को खत्म हुए दस महीने बीत जाने के बावजूद भी न तो केंद्र सरकार और न ही प्रदेश प्रशासन दरबार मूव की परंपरा पर कोई नीति निर्धारित कर पाया है। कोरोना काल में दरबार मूव की परंपरा को जारी रखने का नागरिक सचिवालय के कर्मचारी भी विरोध कर चुके हैं।

इसके बावजूद दरबार मूव किया जा रहा है। जिस पर करोड़ों रुपया खर्च किया जाना है। इस बार के दरबार मूव की खास बात यह है कि हर वर्ष की भांति यह इस बार 6 माह का न होकर मात्र साढ़े 3 माह की अवधि का होगा और अगले महीने श्रीनगर में दरबार लगने के बाद अक्तूबर के शुरू में इसे फिर से जम्मू लौट आना है।

इस साल 4 मई को श्रीनगर में आधिकारिक तौर पर दरबार मूव नहीं हुआ था

प्रदेश में दरबार मूव के प्रत्येक कर्मचारी को एडवांस में 25 हजार रुपये विशेष मूव टूर अलाउंस के रूप में देने के निर्देश सामान्य प्रशासनिक विभाग के अतिरिक्त सचिव रोहित शर्मा ने शुक्रवार को जारी किए हैं। पिछले साल भी मूव टूर अलाउंस 25 हजार ही मिला था लेकिन कोरोना संकट में इस अलाउंस से कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। कोरोना वायरस के चलते इस साल 4 मई को श्रीनगर में आधिकारिक तौर पर दरबार मूव नहीं हुआ था।

प्रदेश सरकार ने अब छह जुलाई से श्रीनगर में नागरिक सचिवालय सहित अन्य दरबार मूव के कार्यालयों को आधिकारिक तौर पर खोलने का फैसला लिया है। दरबार मूव के तहत आने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब 10 हजार है लेकिन ये अलाउंस सिर्फ उन कर्मचारियों को ही मिलेगा जो दरबार के साथ श्रीनगर मूव करेंगे। इससे पहले सरकार ने कर्मचारियों को सुविधा दी है कि जम्मू आधारित कर्मचारी जम्मू से व कश्मीर आधारित कर्मचारी श्रीनगर से काम कर सकते हैं।

इतना जरूर था कि सिर्फ साढ़े तीन महीने के लिए दरबार को श्रीनगर में शिफ्ट करने के प्रदेश प्रशासन के फैसले से भाजपा नाखुश तो है पर सिर्फ सोशल मीडिया पर। नाखुश वह टोल प्लाजा के बनने पर भी है पर सिर्फ सोशल मीडिया या व्हाट्सएप ही उसकी नाराजगी नजर आई है। हकीकत में वह कागजी शेर बनने के आगे कदम नहीं रख पाई है।

दरबार मूव में तय समय से करीब दो महीने की देरी पर छह जुलाई 2020 से प्रदेश प्रशासन ने श्रीनगर सचिवालय सहित अन्य दरबार मूव के कार्यालयों से आधिकारिक तौर पर काम शुरू करने का आदेश जारी किया है। कोरोना महामारी के कारण हालांकि जम्मू आधारित कर्मचारियों को जम्मू से काम करने की अनुमति दी गई है। इसके बावजूद करोड़ों की राशि दरबार मूव पर खर्च होना तय है।

Web Title: Jammu Kashmir Tradition 'Darbar Move' Crores rupees blown three and half months employees also come out protest

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे