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जम्मू-कश्मीरः सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, एनकाउंटर में मार गिराए दो आतंकी, लेकिन CRPF का एक जवान शहीद

By रामदीप मिश्रा | Updated: February 5, 2020 13:11 IST

जम्मू-कश्मीर एनकाउंटरः आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं थी। जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हुई। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने इसका मुंह तोड़ जवाब दिया, जिसमें ये आतंकवादी मारे गए।  

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ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर में बुधवार (05 फरवरी) को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई है। सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है।

जम्मू-कश्मीर में बुधवार (05 फरवरी) को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। हालांकि मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया। यह मुठभेड़ श्रीनगर के परिम पोरा चेक-पोस्ट पर हुई है। आतंकवादियों ने चेक पोस्ट पर हमला कर दिया था। 

पुलिस ने बताया है कि आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं थी। जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हुई। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने इसका मुंह तोड़ जवाब दिया, जिसमें ये आतंकवादी मारे गए। सबसे बड़ी बात यह है कि सुरक्षाबलों ने एक घायल आतंकवादी को पकड़ लिया है, जिसके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं।

इससे पहले जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन्न टोल प्लाजा के निकट पुलिस और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ हुई थी, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए थे। जम्मू से 28 किलोमीटर दूर बन्न टोल प्लाजा पर तीन चार आतंकवादियों के एक समूह को उस वक्त रोका गया था जब वह एक ट्रक पर सवार होकर कश्मीर घाटी की तरफ जा रहे थे। पुलिस को संदेह था कि आतंकवदियों के इस समूह ने हमले को अंजाम देने के लिए कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ की होगी।  इधर, जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद आतंकवादी संगठनों से जुड़ने वाले नौजवानों की संख्या घटी है लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) के जरिए घुसपैठ के प्रयासों में बहुत बदलाव नहीं आया है। यह आधिकारिक आंकड़ों से जानकारी मिली है।

सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार एक आंतरिक दस्तावेज के मुताबिक, पांच अगस्त 2019 से 26 जनवरी 2020 के बीच केवल 28 युवक आतंकवादी संगठनों से जुड़े। इस तरह, एक जनवरी 2019 से चार अगस्त 2019 के बीच जुड़ने वाले युवाओं की तुलना में 60 प्रतिशत की गिरावट आयी। इस दरम्यान 105 युवा आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे। इनमें अधिकतर युवा दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अनंतनाग , कुलगाम और शोपियां के थे। 

दस्तावेज के मुताबिक, पिछले साल पांच अगस्त तक हर महीने औसतन 15 युवक आतंकवादी समूहों से जुड़ रहे थे लेकिन इसके बाद हर महीने 5.6 युवा ही जुड़े। केंद्र ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। 

टॅग्स :जम्मू कश्मीरएनकाउंटरआतंकवादीसीआरपीएफ
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