कश्मीर में फिर शुरू हुआ आतंकियों को 'खोजो और मार डालो' अभियान, जैश-लश्कर के दस्ते पर नजर
By सुरेश डुग्गर | Published: October 10, 2019 05:58 PM2019-10-10T17:58:04+5:302019-10-10T18:01:39+5:30
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आतंकियों द्वारा रची जा रही साजिश के अलर्ट के आधार पर 4 दिन पहले घाटी में सभी सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई. इसमें आतंकियों के खिलाफ नए सिरे से अभियान चलाने की रणनीति पर बात हुई.
कश्मीर में आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षाबलों ने एक बार फिर संयुक्त तौर पर 'खोजो और मार डालो' अभियान शुरू किया है. इसकी वजह यह है कि पिछले दो महीनों के भीतर कश्मीर में सीमापार से दर्जनों खतरनाक आतंकी अपने नापाक मंसूबों के साथ घुस चुके हैं. इसकी पुष्टि सुरक्षाधिकारी तथा पुलिस महानिदेशक भी कर रहे हैं.
अधिकारियों ने माना कि सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण सैन्य और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमलों तथा ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) चुनाव में खलल डालने के लिए सरहद पार से घुसे आतंकियों को मार गिराने के लिए 'खोजो और मारो' अभियान छेड़ा है.
इस अभियान के तहत सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त कार्यदल आतंकियों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रहे हैं. पुलवामा के अवंतीपोरा में गत मंगलवार को लश्कर के दो आतंकी भी इसी अभियान के तहत मारे गए. ये दोनों आतंकी कथित तौर पर वहां अपने कुछ साथियों के साथ बैठक के लिए आए थे, जो घेराबंदी शुरू होने से पहले ही वहां से निकले थे.
अलर्ट के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों की हुई अहम बैठक
सूत्रों ने बताया कि आतंकियों द्वारा रची जा रही साजिश के अलर्ट के आधार पर 4 दिन पहले घाटी में सभी सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई.
इसमें घाटी के बदलते राजनीतिक व सुरक्षा परिदृश्य में आतंकियों के खिलाफ नए सिरे से अभियान चलाने की रणनीति बनाई गई. उन्होंने बताया कि इस बैठक में घाटी में आतंकियों के प्रभाव वाले इलाकों को अलग-अलग वर्गों में बांटकर उनमें सुनियोजित तरीके से 'खोजो और मारो' अभियान चलाने का फैसला लिया गया.
इस अभियान के तहत ग्राउंड इंटेलीजेंस और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस को बढ़ाते हुए सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त कार्यदल लगातार संभावित आतंकी ठिकानों पर दबिश दे रहे हैं. बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित राज्यों में विभाजित किए जाने से हताश आतंकी संगठन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर में अफरा-तफरी फैलाने की एक नई साजिश तैयार की है.
सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठान आतंकियों के निशाने पर
इस साजिश के तहत लश्कर, हिजबुल और जैश के आतंकियों को अलग-अलग जगहों पर विध्वंसकारी गतिविधियों का जिम्मा दिया गया है. इसके अलावा महत्वपूर्ण सैन्य व अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने और सनसनीखेज हमलों को अंजाम देने लिए आत्मघाती आतंकियों का भी एक दस्ता किसी तरह एलओसी पार कर घाटी में दाखिल हो हो चुका है.
सूत्रों की मानें तो जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आत्मघाती आतंकियों के दो अलग-अलग दस्ते घाटी के भीतरी इलाकों में दाखिल हुए हैं.
इनमें से एक दस्ता गुरेज सेक्टर के रास्ते आया है, जो इस समय कंगन-श्रीनगर-त्राल रेंज में कहीं छिपा बैठा है. इसके अलावा एक अन्य दस्ता कथित तौर पर गुलमर्ग सब सेक्टर के रास्ते बडगाम और पुलवामा से होते हुए त्राल या फिर शोपियां में कहीं पहुंचा है. इन आतंकियों में से कुछ को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्रों में भी देखा गया है.