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जम्मू कश्मीर सुरंग ढही: सभी 10 शव बरामद, लापरवाही का मामला दर्ज, मरने वालों पांच पश्चिम बंगाल से

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 21, 2022 19:48 IST

जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढह गया था। पुलिस ने इस संबंध में कंपनी पर लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है।

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ठळक मुद्देसभी शवों को रामबन जिला अस्पताल में रखा गया है। शुक्रवार को भी मलबे से एक शव मिला था।पांच बंगाल, दो नेपाल, एक असम और दो जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं।

जम्मूः जम्मू कश्मीर के रामबन जिले के खूनी नाला क्षेत्र में सुरंग खोदने के दौरान पहाड़ दरकने से मलबे में दबे 9 श्रमिकों के शव को शनिवार निकाल लिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को एक शव निकाला गया था, जिसकी पहचान सुधीर रॉय (31) निवासी पश्चिम बंगाल के रूप में हुई।

वहीं, तीन अन्य श्रमिक रेस्क्यू किए गए हैं। पुलिस ने इस संबंध में कंपनी पर लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है। मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है जबकि सभी शवों को रामबन जिला अस्पताल में रखा गया है। गत शुक्रवार को भी मलबे से एक शव मिला था। पांच बंगाल, दो नेपाल, एक असम और दो जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं।

एसएसपी रामबन मोहिता शर्मा ने कहा कि मौके से सभी 10 शव निकाले जा चुके हैं। एक की तलाश शाम को खत्म हो गई। इन मरने वालों में से पांच पश्चिम बंगाल से हैं। एक असम से, दो नेपाल से और दो स्थानीय नागरिक हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में लापरवाही का केस दर्ज किया गया है।

क्षेत्र में भूस्खलन होने के बाद शुक्रवार शाम को तलाश एवं बचाव अभियान रोक दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को कई घंटे के सघन तलाश अभियान के बाद बचाव दल को दो शव बरामद हुए,उन्हें पास के अस्पताल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि बचाव दल को मलबे से एक और शव दिखाई दिया है,जिसे बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बृहस्पतिवार को रात करीब 10 बजकर 15 मिनट पर रामबन में खूनी नाले के समीप राजमार्ग पर टी3 की सुरंग ढह गयी, जिससे एक मजदूर की मौत हो गयी थी,तीन को सुरक्षित निकाल लिया गया था। वहीं, नौ मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई गयी थी।

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार शाम को भूस्खलन के दौरान रामसू पुलिस थाने के प्रभारी नईमुल हक सहित 15 बचावकर्मी बाल बाल बचे। घटना के बाद बचाव अभियान को रोक दिया गया था। पहाड़ी से पत्थर गिरने ,भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण अभियान बंद रहा और इसे सुबह ही प्रारंभ किया जा सका।

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