कश्मीर में कितने आतंकी और कितने आने को तैयार, सेना और पुलिस के दावों से पैदा हो रहा सिर्फ दहशत का माहौल?

By सुरेश डुग्गर | Published: September 11, 2019 04:50 PM2019-09-11T16:50:52+5:302019-09-11T16:50:52+5:30

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद सुरक्षा बलों की ओर से बनाए गए दबाव के चलते ज्यादातर आतंकियों ने पहाड़ों पर सुरक्षित स्थानों पर पनाह ले ली है।

jammu kashmir police terrorist numbers pakistan indian army LoC | कश्मीर में कितने आतंकी और कितने आने को तैयार, सेना और पुलिस के दावों से पैदा हो रहा सिर्फ दहशत का माहौल?

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Highlightsकश्मीर में कितने आतंकी सक्रिय हैं और कितने घुसपैठ करने को तैयार बैठे हैं के प्रति विभिन्न पक्षों द्वारा पेश किए जान वाले आंकड़े कश्मीरियों में दहशत का माहौल पैदा करने लगे हैं। कुछ दिन पहले कश्मीर में 250 आतंकियों के सक्रिय होने की बात सेना ने की थी और बुधवार (11 सितंबर) जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इनकी संख्या 450 से अधिक बताई है।

फिलहाल कश्मीर में कितने आतंकी सक्रिय हैं और कितने घुसपैठ करने को तैयार बैठे हैं के प्रति विभिन्न पक्षों द्वारा पेश किए जान वाले आंकड़े कश्मीरियों में दहशत का माहौल पैदा करने लगे हैं। कुछ दिन पहले कश्मीर में 250 आतंकियों के सक्रिय होने की बात सेना ने की थी और बुधवार (11 सितंबर) जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इनकी संख्या 450 से अधिक बताई है। यही नहीं उस पार से घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे आतंकियों के प्रति भी विभिन्न प्रकार का आंकड़ा अलग अलग पक्षों द्वारा पेश किया जाने लगा है।

डीजीपी ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि घाटी में 230 पाकिस्तानी आतंकियों के साथ ही 450 से अधिक आतंकियों की मौजूदगी की सूचना है। उत्तरी कश्मीर में ज्यादातर पाकिस्तानी आतंकियों की मौजूदगी है। दक्षिणी कश्मीर में भी लश्कर ए तैयबा तथा जैश ए मोहम्मद की कमान पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ है। हिजबुल से जुड़े आतंकी अधिक संख्या में दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय हैं जिनमें ज्यादातर स्थानीय हैं।

वे कहते थे कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद सुरक्षा बलों की ओर से बनाए गए दबाव के चलते ज्यादातर आतंकियों ने पहाड़ों पर सुरक्षित स्थानों पर पनाह ले ली है। अब इन आतंकियों को घेरने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से पहाड़ों पर घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) चलाने की तैयारी है।

डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि त्राल में दो गुज्जरों की हत्या के बाद अब पहाड़ों पर आतंकियों को घेरने की योजना बनाई गई है। हकीकत पता चलने पर अब लोगों ने अपने घरों में इन्हें पनाह देना बंद कर दिया है। इस वजह से आतंकियों ने भागकर पहाड़ों पर सुरक्षित ठिकाना तलाश लिया है।

दूसरी ओर सेना कहती है कि पाकिस्तान ने एलओसी के साथ अपने आतंकी शिविरों और कई लांच पैडों को फिर से सक्रिय कर दिया है। उनके अनुसार इस शिविरों के माध्यम से कश्मीर में लगभग 300-400 से ज्यादा आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की तैयारी की जा रही है। अधिकारी कहते थे कि पाकिस्तान इन शिविरों से अफगान और पश्तून लड़ाकों को तैनात करना चाहता है। जम्मू कश्मीर में यह पहली बार नहीं है जब सीमा पार से अफगान और पश्तून जिहादियों को लाया जा रहा है।

बताया जाता है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने एलओसी के साथ लांच पैड स्थापित किए हैं, जिसमें उत्तरी कश्मीर में गुरेज़ सेक्टर के माध्यम से घुसपैठ करने के लिए अधिकतम आतंकवादी तैयार हैं। सूत्रों ने कहा एलओसी के पार लगभग 80 आतंकी गुरेज़ के पास, मच्छेल में 60, करनाह में 50, केरन में 40, उड़ी में 20, नौगाम में 15 और रामपुर में 10 घुसपैठ करने को तैयार हैं।

Web Title: jammu kashmir police terrorist numbers pakistan indian army LoC

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