जम्मू: प्रदेश में कोरोना मरीजों की मदद को निकले एनजीओ कई परेशानियों से भी जूझ रहे हैं। इनमें मरीजों को लंच व डिनर मुफ्त में डिलीवरी करने वालों को अगर लॉकडाउन की पाबंदियों के बीच पुलिस से परेशान होना पड़ रहा है तो सबसे अधिक परेशानी उनको है जो फ्री आक्सीजन सिलेंडर दे रहे हैं पर ठीक होने वाले मरीज खाली सिलेंडरों को लौट ही नहीं रहे हैं।
सबसे अधिक कोरोना मरीज जम्मू व श्रीनगर के जिलों में हैं। श्रीनगर जिला रेड कैटेगरी में है तो जम्मू जिला ओरेंज में। लाकडाउन और कोरोना कर्फ्यू के कारण मरीजों के अभिभावकों में खाने पीने की वस्तुओं के लिए मारामारी है। कई संस्थाएं और व्यक्ति मुफ्त में खाना पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
हालांकि आक्सीजन को लेकर इतनी मारामारी नहीं है फिर भी कश्मीर में मुफ्त आक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाने वाले अधिकतर एनजीओ परेशान हैं। कश्मीर मे कार्यरत अथरोट एनजीओ के चेयरमेन बशीर अहमद के बकौल, पिछले महीने 300 आक्सीजन सिलेंडर मरीजों तक पहुंचाए थे और वापस सिर्फ 70 ही आए हैं।
वे कहते थे कि अधिकतर मरीजों को 10 से 12 दिन के लिए ही आक्सीजन की जरूरत होती है। जिन मरीजों ने सिलेंडर नहीं लौटाए हैं वे अपने घरों को लौट चुके हैं और उनके फोन भी बंद आ रहे हैं।
इसी प्रकार एक अन्य एनजीओ आब-ए-रवान के अधिकारियों का कहना था कि कई मरीज तो ऐसे हैं जो घरों में ही आक्सीजन सिलेंडर को जमा कर चुके हैं। उनसे वापस इसे हासिल करना बड़ी मुश्किल बन गया है। नतीजतन जिन मरीजों को सच में सिलेंडरों की जरूरत है वे अब उन्हें सिलेंडर मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं।