जम्मूः जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबल आतंकियों पर किस कद्र भारी पड़ रहे हैं आंकड़ों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है। पिछले 24 घंटों में 9 आतंकियों को मार गिराया जा चुका है।
दो हफ्तों में मरने वाले आतंकियों का आंकड़ा अगर 22 है तो इस साल के पहले 160 दिनों में 100 आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। यह बात अलग है कि 100 आतंकियों को मारने के लिए 29 सुरक्षाकर्मियों को शहादत भी देनी पड़ी है।
डीजीपी दिलबाग सिंह के अनुसार जम्मू कश्मीर में सेना के साथ सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ संयुक्त सफाई अभियान जारी है। पिछले 24 घंटों में भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में 9 आतंकियों को मार गिराया है। जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के अनुसार दो दिन के आप्रेशन के दौरान हिजबुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी मारे गए हैं जिनमें से तीन टॉप कमांडर लेवल के लोग हैं।
पिछले दो हफ्ते के अंदर 9 बड़े आप्रेशन हुए जिसमें कुल 22 आतंकी मारे गए जिनमें से 6 टॉप कमांडर हैं। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना का आतंक के खिलाफ इस बड़े अभियान में घाटी आतंक मुक्त बनने की राह पर है। इसका एक बड़ा उदाहरण बीते 24 घंटे में मारे गये 9 आतंकी हैं। इन 22 आतंकियों में से 18 लोग साउथ कश्मीर के तीन जिलों पुलवामा, कुलगाम, शोपियां से थे और एक अवंतीपोरा से था। जम्मू के राजौरी पुंछ एरिया में 2 आप्रेशन हुए जिसमें 3 आतंकी घुसपैठ करते हुए मारे गए।
साउथ कश्मीर में कल 5 आतंकियों को मार गिराया गया। आतंकियों के खिलाफ इस अभियान में सेना के दो जवान भी घायल हुए हैं। हालांकि, आतंकियों के खात्मे के लिए आप्रेशन अब भी जारी हैं। सबसे ज्यादा आतंकी शोपियां में मारे गए जहां 24 घंटों में नौ को ठोंक दिया गया है। ये सभी हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी हैं। आतंकियों से भारी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद किया गया है।
विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल ए सेनगुप्ता सेना ने बताया कि शोपियां में आज तड़के 3 बजे शुरू हुए 4 घंटे के आप्रेशन में 4 आतंकवादी मारे गए। इन आतंकवादियों को नागरिकों पर ज्यादती करने, गैर-स्थानीय मजदूरों को मारने, पुलिसकर्मियों का अपहरण करने, 2019 में ट्रक चालकों को परेशान करने और घायल करने के लिए जाना जाता था।
हालांकि आंकड़ों को देखें तो इस साल अभी तक 100 आतंकी मारे जा चुके हैं। उन्हें ढेर करने के लिए सुरक्षाबलों को कई अफसरों समेत 29 सुरक्षाकर्मियों की शहादत भी देनी पड़ी है। जबकि 55 नागरिकों की जानें भी आतंकवाद की भेंट चढ़ गई हैं।