जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर राज्यपाल से मिले उमर अब्दुल्ला, पूछा- राज्य में क्या होने जा रहा है?
By आदित्य द्विवेदी | Published: August 3, 2019 12:50 PM2019-08-03T12:50:59+5:302019-08-03T13:08:37+5:30
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शनिवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलने पहुंचे। महबूबा मुफ्ती ने भी शुक्रवार रात को गवर्नर से मुलाकात की थी।
जम्मू कश्मीर में कई सरकारी आदेशों को लेकर तनाव का माहौल है। घाटी में मौजूदा हालात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की। इससे पहले शुक्रवार रात महबूबा मुफ्ती ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी।
उमर अब्दुल्ला ने गवर्नर से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि हमने गवर्नर से पूछा है कि जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है। साथ ही अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अचानक तनाव पैदा हो गया है। अफसरों से भी सही जवाब नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने लोगों से गुजारिश की है अपने जज्बात को काबू में रखें और शांतिपूर्ण तरीके से इस स्थिति से निपटें।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के सवाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने राज्य में चुनाव कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन मुलाकात के बाद जिस तरह से आदेश जारी किए गए हैं। अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई है। घाटी से टूरिस्टों को बुला लिया गया है। इससे जम्मू कश्मीर में अचानक तनाव पैदा हो गया है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने के बाद हम चाहते हैं कि सरकार स्पष्ट करे कि अमरनाथ यात्रा क्यों रद्द कर दी गई। हम संसद से आश्वासन चाहते हैं कि कश्मीर के नागरिकों को डरने की जरूरत नहीं है।
Omar Abdullah, National Conference: On Monday, when Parliament starts functioning, Centre should give a statement on what was the need for the order to end yatra & evacuate tourists. We want to hear it from the Parliament that there is no need for people to be afraid. https://t.co/nTr9pjmXY1
— ANI (@ANI) August 3, 2019
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने हालिया घटनाक्रमों से कश्मीर घाटी में भय की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएं जताई थी। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा खत्म करने की बजाए सरकार को सुरक्षा देनी चाहिए थी। ये तो पाकिस्तान के सामने सरेंडर करने जैसा हुआ।
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा की यात्रा अचानक रोकने के बाद किश्तवाड़ से माछिल के बीच हर साल आयोजित होने वाली माछिल यात्रा को भी बंद करने का आदेश दे दिया गया है। इस यात्रा की शुरुआत 25 जुलाई से शुरू हुई थी और करीब 43 दिनों तक इसे चलना था। इस लिहाज से यह यात्रा नौ सितम्बर को समाप्त होनी थी।
कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति सहित कई सरकारी आदेशों को लेकर काफी कयास लगाए जाने लगे थे कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35- ए को खत्म करने की योजना बना रही है। इस तरह की संभावनाओं पर राज्य के राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और इसके गंभीर परिणाम होने की चेतावनी दी थी।
Jammu & Kashmir: Former J&K CM & National Conference leader Omar Abdullah to meet Governor Satya Pal Malik today in Srinagar. (File pics) pic.twitter.com/uugQbgJ7On
— ANI (@ANI) August 3, 2019
अमरनाथ यात्रियों को घाटी छोड़ने को कहा
सेना ने शुक्रवार को खुफिया जानकारियों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी, कश्मीर घाटी में अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसके तुरंत बाद, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों से घाटी की अपनी यात्रा में ‘‘कटौती करने’’ तथा तुरंत वापस जाने को कहा।
आतंकी हमले के इनपुट्स का हवाला
गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश में यहां कहा गया है, ‘‘आतंकवादी खतरों खासतौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने की ताजा खुफिया सूचनाओं और कश्मीर घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए पर्यटकों तथा अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के हित में यह परामर्श दिया जाता है कि वे फौरन घाटी में रुकने की योजना स्थगित कर दें और जल्द से जल्द लौटने के आवश्यक कदम उठाए।’’
अतिरिक्त उड़ानों की सलाह
कश्मीर में स्थिति अशांत होने के बीच विमानन नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को एरलाइंसों को सलाह दी कि वे जरूरत पड़ने पर श्रीनगर हवाई अड्डे से अतिरिक्त उड़ानों के संचालन के लिए तैयार रहें। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। डीजीसीए की यह सलाह, भारतीय सेना की उस सूचना के कुछ ही घंटों के भीतर आयी है जिसमें सेना ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं ।
रेलवे अधिकारी की चिट्ठी से सनसनी
रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने जहां अपने कर्मचारियों को आदेश दिया कि कानून-व्यवस्था खराब होने की आशंका के मद्देनजर चार महीने के लिए राशन जमा कर लें वहीं श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पांच पुलिस अधीक्षकों को अपने क्षेत्रों में सभी मस्जिदों और उनकी प्रबंधन समितियों का ब्यौरा इकट्ठा करने और इसे तुरंत सौंपने का निर्देश दिया ताकि उसे उच्चाधिकारियों को भेजा जा सके।
नेताओं ने की राज्यपाल से मुलाकात
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन तथा इमरान रजा अंसारी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की। राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा जारी किए परामर्श समेत दिन में हुए घटनाक्रमों से कश्मीर घाटी में भय की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएं जताई।
महबूबा बोलीं ने कहा आर-पार का मामला
जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में कुछ संभावित बड़े फैसले को लेकर घाटी में बढ़ती अटकलों के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बजाय जमीन को तरजीह दी है’’।
पीडीपी अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘आप एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के प्यार को जीतने में नाकाम रहे, जिसने धार्मिक आधार पर विभेद को खारिज किया और धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना। अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बदले जमीन को तरजीह दी है।’’