शोपियां फायरिंग मामला: उमर अब्दुल्ला की बात पर बोले उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह, वो सेना को लटका देना चाहते हैं
By कोमल बड़ोदेकर | Published: February 2, 2018 03:03 PM2018-02-02T15:03:03+5:302018-02-02T15:38:34+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, इस मामले में पुलिस पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी थी। अब सेना ने एफआईआर की है। हम इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं।
शोपियां फायरिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार से पूछा कि कठुआ में मारी गई बच्ची आसिफा की मेडिकल रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक क्यों नहीं की गई है। कठुआ मामला हैरान करने वाला था पर दुख की बात है कि जांच एजेंसी ने अभी तक मेडिकल रिपोर्ट तक पेश नहीं की है। इसके अलावा उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान शुक्रवार को महबूबा सरकार से कहा कि आपने सदन में आश्वासन दिया था कि जांच फास्ट ट्रैक तौर पर होगी।
उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी थी। अब सेना ने एफआईआर की है। हम इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं। इसके लिए विशेष जांच दल का गठन होना चाहिए शोपिंया (फायरिंग) मामले की निष्पक्ष जांच हो सकें। उन्होंने सदन में सरकार की कार्रवाई पर प्रश्र उठाते हुए कहा कि सरकार पता नहीं क्यों मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं कर रही है, जबकि इसके बिना जांच संभव नहीं है।
After Police filed FIR, now Army has filed a counter FIR. So we demand a high level special investigation team should be constituted to look into Shopian (firing) matter: Omar Abdullah in J&K assembly pic.twitter.com/Dtmi6RQ6dz
— ANI (@ANI) February 2, 2018
वहीं इस पूरे मामले में उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी पर जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि, यह दुर्भाग्यवश है कि पूर्व मुख्यमंत्री इस तरह की बातें कर रहे हैं। जो संगठन देश के लिए जान न्यौछावर कर रहा है क्या उसे कानून की मदद लेने का अधिकार नहीं है? वह कह रहे हैं कि काउंटर एफआईआर के लिए सेना को लटका देना चाहिए, लेकिन पत्थरबाजों के खिलाफ उन्होंने एक शब्द तक नहीं बोला।
This was unfortunate stand by a former CM. Army, the institution making sacrifices for country, don't have rights to approach law? They are demanding that they (army) should be hanged for filing a return FIR but didn't utter a word against stone-pelters: Nirmal Singh, Dy CM, J&K pic.twitter.com/GHDOq5oM5z
— ANI (@ANI) February 2, 2018
बता दें कि बीते कुछ दिनों में श्रीनगर-शोपियां में पांच नागरिकों की मौत के बाद अलगाववादियों ने विरोध मार्च कर रहे हैं, जिसके चलते प्रशासन ने यहां धारा 144 लगा दी है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि श्रीनगर में रैनवाड़ी, नौहट्टा, एमआर गंज, सफाकदल, खानयार, मैसूमा और क्रालखुद में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए हैं।