जम्मू कश्मीर: पुलावामा जैसे हमले की साजिश नाकाम, पकड़ा गया मास्टरमाइंड
By सुरेश डुग्गर | Published: April 1, 2019 06:17 PM2019-04-01T18:17:04+5:302019-04-01T18:17:04+5:30
सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो इस्तेमाल किया गया आइईडी बेहद शक्तिशाली था। इसमें यूरिया और पेट्रोल के अलावा जिलेटिन रॉड का भी प्रयोग किया गया।
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर पुलवामा जैसे हमले की कोशिश करने के मामले में एक आतंकी को पकड़ा गया है। सुरक्षा एजेंसियां इसकी तलाश में जुटी हुई थीं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आतंकी की पहचान शाकिर अहमद पॉल उर्फ ओवैस निवासी नागबल के रूप में की गई है।
पुलिस की मानें तो वह बीए पास है। इसके अलावा उसने कंप्यूटर एजुकेशन में डिप्लोमा किया है। उसके लगातार पूछताछ की जा रही है। उससे मिली जानकारी के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। उसे इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
कार में आइईडी विस्फोट में जिलेटिन की छड़ोंं का इस्तेमा
इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि इस कार आइईडी विस्फोट में जिलेटिन की छड़ों का भी इस्तेमाल किया गया था। साजिश थी कि अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जा सके। पुलवामा जैसा हमला दोहराने के लिए सीआरपीएफ के काफिले के वाहन को निशाना बनाया गया था।
शनिवार को रामबन जिले की जवाहर टनल के पास गैस सिलेंडर से लदी एक सेंट्रो कार सीआरपीएफ के काफिले से टकरा गई थी। इसके बाद जोरदार विस्फोट में कार पूरी तरह जलकर खाक हो गई। इसमें सीआरपीएफ जवानों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा था। घटना के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। उसकी तलाश की जा रही है। घटना के बाद पूरे इलाके को घेरकर देर शाम तक तलाशी अभियान चलाया जाता रहा।
पुलवामा जैसे हमले की साजिश
सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो इस्तेमाल किया गया आइईडी बेहद शक्तिशाली था। इसमें यूरिया और पेट्रोल के अलावा जिलेटिन रॉड का भी प्रयोग किया गया। आतंकियों की साजिश थी कि इस धमाके से पुलवामा जैसा नुकसान किया जा सके। प्रारंभिक जांच के अनुसार माना जा रहा है कि धमाके में इस्तेमाल की गई कार कश्मीर घाटी की ओर से आई थी। फिलहाल एजेंसियां इसकी पुष्टि नहीं कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक अमोनियम नाइट्रेट (यूरिया) किसान फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। मगर इसका प्रयोग आरडीएक्स या उससे भी अधिक क्षमता के विस्फोट में भी किया जा सकता है। जिलेटिन भी विस्फोटक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
बनिहाल में कार आइईडी ब्लास्ट के लिए इन विस्फोटकों के अलावा दो एलपीजी सिलेंडरों का प्रयोग किया गया था। घटनास्थल से नौ वोल्ट की बैटरी व कुछ सर्किट जैसी चीज भी बरामद हुई है। इससे रिमोट से विस्फोट करने की बात पुख्ता हो रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कार में इस्तेमाल दोनों सिलेंडरों में से एक भी नहीं फटा। एक छोटा सिलेंडर विस्फोट की वजह से पिचका जरूर है।
इस वजह से भी नुकसान कम हुआ। इसके अलावा कार के घाटी की तरफ से आने की बात प्रारंभिक जांच में सामने आ रही है। हालांकि अभी तक यह प्रमाणिक तौर पर स्पष्ट नहीं हुआ है। पुलिस जवाहर सुरंग और कुछ अन्य स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। घटना के बाद से क्षेत्र में पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल मिल कर व्यापक स्तर पर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।