लाइव न्यूज़ :

कश्मीर में फिर संचारबंदी, टूरिज्म को पहुंचेगा सबसे बड़ा धक्का, पढ़ाई तो होगी ही बर्बाद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 19, 2021 15:07 IST

ताजा संचारबंदी से चिंता और परेशानी यह है कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों में अजीब सी दहशत पैदा होने लगी है। उनमें यह डर भी समाने लगा है कि कहीं किसी भी वक्त कश्मीर में मोबाइल फोन भी बंद न हो जाएं।

Open in App
ठळक मुद्देमुट्ठीभर आतंकियों को रोकने की खातिर प्रशासन ने कश्मीर में संचारबंदी का कदम उठाया है।कश्मीर आने वाले पर्यटकों में अजीब सी दहशत पैदा होने लगी है।संचारबंदी का कदम पर्यटन व्यवसाय को प्रभावित करने लगा है।

जम्मू: दो साल पहले जिस संचारबंदी ने कश्मीर के भविष्य को बर्बाद कर दिया था वह फिर से मैदान में है। इस बार भी कारण वही है, आतंकवाद। कुछ मुट्ठीभर आतंकियों को रोकने की खातिर प्रशासन ने सख्त कदमों के तौर पर पहला कदम कश्मीर में संचारबंदी का उठाया है।

हालांकि, पहले कदम के तौर पर कश्मीर के जिन तीन जिलों-श्रीनगर, पुलवामा और कुलगाम को चुना गया है उनमें से एक श्रीनगर कई बार आतंकी मुक्त घोषित हो चुका है और अन्य दो पुलवामा तथा कुलगाम के प्रति यह दावे लगातार किए जाते रहे हैं कि बस अबकी बार दो-चार आतंकी बचे हैं और उनके मारे जाते ही दोनों जिले आतंकी मुक्त हो जाएंगें।

चर्चा का विषय यह नहीं है कि कौन से जिले आतंकी मुक्त हो चुके हैं और कौन से होने जा रहे हैं बल्कि ताजा संचारबंदी से चिंता और परेशानी यह है कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों में अजीब सी दहशत पैदा होने लगी है। उनमें यह डर भी समाने लगा है कि कहीं किसी भी वक्त कश्मीर में मोबाइल फोन भी बंद न हो जाएं। ऐसा डर इसलिए भी है क्योंकि पहले भी 5 अगस्त 2019 के हालात के दौरान कश्मीर में फंसे पर्यटक इस दौर से गुजर चुके हैं।

नतीजा यह है कि संचारबंदी का कदम पर्यटन व्यवसाय को प्रभावित करने लगा है। हालांकि कश्मीर में ताबड़तोड़ टारगेट किलिंग ने उन्हें दहशतजदा किया था और उस पर संचारबंदी का तड़का टूरिज्म को फिर से ढलान पर लाने को बेताब है।

ऐसी ही दशा उन कस्बों में छात्रों के लिए खराब हो गई है जो पहले भी संचारबंदी के कारण कई महीनों तक ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रहे थे। 

पांच अगस्त 2019 को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद लगातार कई महीनों तक चली संचारबंदी ने छात्रों के कीमती साल को बर्बाद कर दिया था। बची खुची कसर उसके बाद कोरोना में 2जी की स्पीड पूरी कर चुकी है। 

ऐसे में छात्रों के लिए चिंता का विषय यह है कि अगर टारगेट किलिंग न रूकी तो प्रशासन पूरे कश्मीर में एक बार फिर से पूरी संचारबंदी कर सकता है।

टॅग्स :इंटरनेट पर पाबंदीजम्मू कश्मीरआतंकी हमलापर्यटन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें