हिजबुल कमांडर मेहराजुद्दीन था दूसरा बुरहान वानी, संचार साधनों की अच्छी जानकारी से लंबे वक्त तक बचने में रहा कामयाब

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 7, 2021 03:41 PM2021-07-07T15:41:39+5:302021-07-07T15:51:31+5:30

सुरक्षाबलों के हाथों मुठभेड़ में मारा गया हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर और डबल ए कैटेगरी का आतंकी मेहराजुद्दीन हलवाई उर्फ उबैद आतंकी गुटों के लिए दूसरा बुरहान वानी था।

jammu kashmir Hizbul commander mehrajuddin was the another burhan wani for terrorist groups | हिजबुल कमांडर मेहराजुद्दीन था दूसरा बुरहान वानी, संचार साधनों की अच्छी जानकारी से लंबे वक्त तक बचने में रहा कामयाब

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsसुरक्षाबलों ने आतंकी मेहराजुद्दीन हलवाई उर्फ उबैद को मार गिराया है। जम्मू कश्मीर में उसे आतंकी गुटों के बीच दूसरा बुरहान वानी माना जाता था। मेहराजुद्दीन कई नागरिकों और सुरक्षाबलों की हत्याओं में शामिल रहा था। 

सुरक्षाबलों के हाथों मुठभेड़ में मारा गया हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर और डबल ए कैटेगरी का आतंकी मेहराजुद्दीन हलवाई उर्फ उबैद आतंकी गुटों के लिए दूसरा बुरहान वानी था। सुरक्षाधिकारियों का मानना है कि कश्मीर में जितना कहर बुरहान वानी ने बरपाया था, हलवाई उससे चार कदम आगे था। दोनों में फर्क इतना था कि बुरहान वानी युवकों को आतंक की राह पर ले जाने वाला सबसे बड़ा आतंकी बन गया था तो हलवाई के कारण आतंकी गुट संचार साधनों का भरपूर इस्तेमाल करते रहे थे।

बारामूला का रहने वाला हिजबुल ग्रुप कमांडर मेहराजुद्दीन सुरक्षाबलों की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल दस आतंकियों की सूची में चौथे नंबर पर था। 12वीं पास मेहराजुद्दीन हलवाई को सुरक्षाबल बुरहान वानी से कम नहीं आंकते थे। आईजीपी कश्मीर विजय कुमार का कहना है कि जिस तरह दक्षिण कश्मीर में बुरहान वानी कई नागरिकों व सुरक्षाबलों की हत्याओं में शामिल था, उसी तरह मेहराजुद्दीन भी उत्तरी कश्मीर में कई नागरिकों व सुरक्षाबलों की हत्याओं में शामिल रह चुका था।

सोपोर के खुशालमट्टू गांव के रहने वाले मेहराजुद्दीन हलवाई को सुरक्षाबलों ने मोस्ट वांटेड सूची में डबल-ए श्रेणी में रखा था। करीब 36 वर्षीय मेहराजुद्दीन वर्ष 2015 के अंत तक उत्तरी कश्मीर में पूरी तरह सक्रिय हो चुका था। सुरक्षाबलों ने जब उसकी धरपकड़ का सिलसिला तेज किया तो वह कुछ सालों के लिए पाकिस्तान में जा छिपा था। उसके वापस लौटने पर ही वर्ष 2019 में सुरक्षाबलों ने उसे अपनी मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया।

पुलिस ने कभी भी यह नहीं सोचा होगा कि हिजबुल मुजाहिदीन के जिस मोस्ट वांटेड टॉप कमांडर की पिछले 10 सालों से तलाश कर रही है, वह स्वयं उनके चंगुल में फंस जाएगा। हालांकि पुलिस ने आतंकी मेहराजुद्दीन हलवाई उर्फ उबैद निवासी सोपोर को जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पुलिस स्वयं यह बात मानती है कि भले ही मेहराजुद्दीन 12वीं पास था, लेकिन संचार के आधुनिक संसाधनों की जितनी जानकारी उसे थी, शायद ही किसी और आतंकी को हो। अपनी इसी कुशलता की वजह से वह पुलिस व सेना की पकड़ से इतने साल तक बचता आ रहा था। 

पुलिस मेहराजुद्दीन का मुठभेड़ में मारा जाना बड़ी कामयाबी मान रही है, क्योंकि वह उनके लिए चुनौती बना हुआ था। ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को काफी हद तक ध्वस्त कर पुलिस ने आतंकी संगठनों को नुकसान पहुंचाया है। परंतु घाटी में पिछले 10 सालों से सक्रिय मेहराजुद्दीन अपनी चतुरता और आधुनिक संसाधनों की बेहतर जानकारी की वजह से उनकी पकड़ में नहीं आ रहा था।

पुलिस भी यह मानती है कि मेहराजुद्दीन संचार के आधुनिक साधनों से अच्छी तरह परिचित था। वह उन्हीं संसाधनों की मदद से बिना पुलिस की पकड़ में आए अन्य आतंकियों के साथ संवाद करता था। विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाता और उन्हें अंजाम देता था। यही नहीं इंटरनेट मीडिया की पूरी जानकारी रखने वाला मेहराजुद्दीन उसी की मदद से युवाओं को आतंकी संगठनों में भर्ती करने के लिए प्रेरित करता था।

Web Title: jammu kashmir Hizbul commander mehrajuddin was the another burhan wani for terrorist groups

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