जम्मू-कश्मीर में ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम पर विवाद के बाद प्रशासन ने कहा- कोई जोर जबरदस्ती नहीं

By विनीत कुमार | Updated: July 25, 2022 09:43 IST2022-07-25T09:36:03+5:302022-07-25T09:43:03+5:30

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए 'हर घर तिरंगा' अभियान को लेकर जम्मू-कश्मीर में विवाद के बाद प्रशासन की ओर से कहा गया है इसे लेकर कोई जोर-जबरदस्ती नहीं है।

Jammu Kashmir har ghar tiranga campaign controversy, shopkeeprs told to pay fee, govt says its voluntary | जम्मू-कश्मीर में ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम पर विवाद के बाद प्रशासन ने कहा- कोई जोर जबरदस्ती नहीं

जम्मू-कश्मीर में ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम पर विवाद (फाइल फोटो)

Highlightsअनंतनाग में स्कूलों के लिए निकाला गया था सर्कुलर, बाद में वापस लिया गया।बडगाम में भी स्कूलों और छात्र और शिक्षकों को 20-20 रुपये जमा करना के लिए कहा गया था।अनंतनाग में दुकानदारों से भी 20 रुपये जमा कराने को कहा गया था।

जम्मू: अगले महीने 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर और दुकान पर तिरंगा लहराने की मुहिम कश्मीर में विवादों में घिर गई है। प्रशासन ने अब इस पर सफाई देते हुए कहा है कि इसके लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को अनंतनाग के प्रमुख शिक्षा अधिकारी (सीईओ) ने स्कूलों के लिए जिले में एक सर्कुलर जारी किया जिसमें छात्रों और शिक्षकों से तिरंगे के लिए 20-20 रुपये के भुगतान के लिए कहा गया था। सोशल मीडिया पर ये सर्कुलर वायरल होने के बाद अब इसे वापस ले लिया गया है।

वहीं, अनंतनाग में ही दुकानदारों के लिए भी लाउडस्पीकर से घोषणा कराई गई थी और तिरंगे के लिए 20 रुपये 'डिपोजिट फीस' के तौर पर जमा कराने को कहा गया था। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की भी बात कही गई।

इस मामले पर अनंतनाग के उपायुक्त डॉ पीयूष सिंगला ने रविवार को कहा कि यह उनकी अनुमति के बिना हुआ था और इसके लिए जिम्मेदार घोषणा करने वाले व्यक्ति को निलंबित कर दिया गया है।

हालांकि, इस सफाई से पहले शनिवार को लाउडस्पीकरों के माध्यम से जो कहा गया वो कुछ इस प्रकार था- 'अनंतनाग जिला प्रशासन के आदेश से प्रत्येक दुकानदार को कार्यालय में 20 रुपये जमा करने के लिए कहा जाता है जिससे उन्हें व्यापार लाइसेंस मिलेगा। संभव है कि 20 रुपये जमा नहीं करने वाले पर कार्रवाई हो सकती है। इसलिए खुद को बचाने और इस औपचारिकता को पूरा करने के लिए उन्हें 20 रुपये जमा करने होंगे।'

इससे पहले बडगाम में भी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों से तिरंगे के लिए 20-20 रुपये जमा कराने को कहा गया था। निर्देशों के अनुसार जिस परिवार से एक से अधिक स्टडेंट हैं, ऐसे मामलों में केवल एक छात्र से पैसे लिए जा सकते हैं।

इस बीच पूरे मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि 'देशभक्ति की भावना खुद आती है और इस मामले में जबर्दस्ती नहीं की जा सकती है।'

मुफ्ती ने हाल में एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'जिस तरह से जम्मू-कश्मीर प्रशासन छात्रों, दुकानदारों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर कर रहा है, जैसे कि कश्मीर एक दुश्मन का इलाका है और उसे कब्जा करने की जरूरत है। देशभक्ति स्वाभाविक रूप से आती है और इसे थोपा नहीं जा सकता।'

बता दें कि केंद्र सरकार ने आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर राष्ट्रव्यापी 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरुआत की है लोगों को 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घर-दुकान, संस्थान आदि पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अपील की गई है।

Web Title: Jammu Kashmir har ghar tiranga campaign controversy, shopkeeprs told to pay fee, govt says its voluntary

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