J&K: एक पैर पर 2 किमी पैदल चलकर स्कूल जाता है परवेज, कहानी सुन मदद को आगे आए जयपुर फुट यूएसए के अध्यक्ष
By अनिल शर्मा | Published: June 4, 2022 11:50 AM2022-06-04T11:50:52+5:302022-06-04T11:54:01+5:30
एएनआई से बातचीत में 14 साल के परवेज ने कहा, "मैं एक पैर पर संतुलन बनाते हुए रोजाना करीब दो किलोमीटर की दूरी तय करता हूं। सड़कें अच्छी नहीं हैं। अगर मुझे कृत्रिम पैर मिल जाए, तो मैं चल सकता हूं।''
हंदवाड़ा: हर किसी को अपने सपनों को साकार करने का जुनून होता है। यही जुनून जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा के रहने वाले परवेज के पास भी है। एक हादसे में अपना एक पैर खो चुके परवेज अपने सपनों को साकार करने के लिए रोजना एक पैर पर दो किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचता है। ताकि उसे अच्छी शिक्षा मिल सके जिसका इस्तेमाल वह अपने सपनों को साकार करने में कर सके। वहीं परवेज की कहानी बाहर आने के बाद जयपुर फुट यूएसए के अध्यक्ष प्रेम भंडारी उसकी मदद के लिए आगे आए हैं।
बहुत ही कम उम्र में परवेज एक भीषण आग में अपना बायां पैर खो दिया। वह नौगाम के सरकारी हाई स्कूल में नौवीं का छात्र है। शुक्रवार को एएनआई से बातचीत में 14 साल के परवेज ने कहा, "मैं एक पैर पर संतुलन बनाते हुए रोजाना करीब दो किलोमीटर की दूरी तय करता हूं। सड़कें अच्छी नहीं हैं। अगर मुझे कृत्रिम पैर मिल जाए, तो मैं चल सकता हूं।'' बकौल परवेज, मैं मेरे जीवन में कुछ हासिल करने का सपना है। हालांकि समाज कल्याण विभाग ने उन्हें व्हीलचेयर प्रदान की थी, लेकिन उनके गांव की सड़कों की जर्जर स्थिति के कारण इसे कभी इस्तेमाल नहीं किया गया।
#WATCH| Specially-abled boy walks to school on one leg to pursue his dreams in J&K's Handwara. He has to cover a distance of 2km while balancing on a one leg
— ANI (@ANI) June 3, 2022
Roads are not good. If I get an artificial limb,I can walk. I have a dream to achieve something in my life, Parvaiz said pic.twitter.com/yan7KC0Yd3
परवेज ने आगे बताया, "मैं अपने स्कूल तक पहुँचने के लिए प्रतिदिन 2 किलोमीटर पैदल चलता हूँ। मेरे स्कूल पहुँचने का रास्ता क्षतिग्रस्त है। स्कूल पहुँचने के बाद मुझे बहुत पसीना आता है क्योंकि मेरे लिए चलना मुश्किल है। मैं स्कूल पहुँचने के बाद प्रार्थना करता हूँ। मुझे क्रिकेट, वॉलीबॉल और क्रिकेट, कबड्डी पसंद है। मुझे उम्मीद है कि सरकार मेरे भविष्य को आकार देने में मेरी मदद करेगी। मेरे अंदर अपने सपनों को हासिल करने की आग है।'
अपने अनुभवों को आगे साझा करते हुए, 14 वर्षीय परवेज ने कहा, "मुझे यह देखकर दुख होता है कि मेरे दोस्त ठीक से चल सकते हैं। हालांकि, मुझे शक्ति प्रदान करने के लिए मैं अल्लाह (भगवान) को धन्यवाद देता हूं। मैं सरकार से मुझे एक उचित कृत्रिम देने का आग्रह करता हूं। परवेज ने बतायाकि हादसे के बाद डॉक्टरों ने उसके पैर को अलग कर दिया था। इलाज के लिए पिता को बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ा था। उसने बताया, मेरे पिता को मेरी संपत्ति के लिए अपनी संपत्ति बेचनी पड़ी इलाज।
वहीं परवेज के पिता गुलाम अहमद हाजम ने इस बारे में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "मेरे बच्चे ने बहुत ही कम उम्र में एक भीषण आग में अपना पैर खो दिया। मेरी पत्नी दिल की मरीज है। मैं बारामूला में था जब मेरे बच्चे के साथ यह घटना हुई। मैं एक गरीब आदमी हूं। मैं 3 लाख रुपये नहीं दे सकता। उसके इलाज के लिए। मैं केवल 50,000 रुपये का खर्च उठा सकता था और मुझे अपनी संपत्ति बेचनी पड़ी।"
As soon as I read ANI's tweet I decided to contact the family. I will provide an artificial limb to Parvaiz free of cost: Jaipur Foot USA Chairman Prem Bhandari
— ANI (@ANI) June 4, 2022
वहीं परवेज की कहानी बाहर आने के बाद जयपुर फुट यूएसए के अध्यक्ष प्रेम भंडारी उसकी मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने परवेज को मुफ्त में कृत्रिम पैर देने का वादा किया है। प्रेम भंडारी ने कहा, जैसे ही मैंने एएनआई का ट्वीट पढ़ा, मैंने परिवार से संपर्क करने का फैसला किया। मैं परवेज को मुफ्त में कृत्रिम अंग प्रदान करूंगा।