जम्मू-कश्मीर: सर्दी की दस्तक के साथ प्रदेश से बिजली होने लगी गुल, जनता हुई त्रस्त

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 4, 2023 01:04 PM2023-10-04T13:04:44+5:302023-10-04T13:12:59+5:30

जम्मू कश्मीर के लोगों की बदकिस्मती है कि प्रदेश में हजारों मेगावाट बिजली उत्पादन के बावजूद उन्हें सर्दी और गर्मी में बिजली कटौती के भयानक दौर से गुजरना पड़ रहा है।

Jammu and Kashmir: With the arrival of winter, electricity is lost in the state | जम्मू-कश्मीर: सर्दी की दस्तक के साथ प्रदेश से बिजली होने लगी गुल, जनता हुई त्रस्त

फाइल फोटो

Highlightsजम्मू कश्मीर में हजारों मेगावाट बिजली उत्पादन के बावजूद हो रही है जबरदस्त कटौती जम्मू-कश्मीर में सर्दी की शुरूआत के साथ ही 5 से 9 घंटों की बिजली कटौती शुरू हो गई हैकश्मीर में 1700 मेगावाट जबकि जम्मू में 1500 मेगवाट बिजली की जरूरत है

जम्मू: यह जम्मू कश्मीर के लोगों की बदकिस्मती है कि प्रदेश में हजारों मेगावाट बिजली उत्पादन के बावजूद उन्हें सर्दी और गर्मी में बिजली कटौती के भयानक दौर से गुजरना पड़ रहा है। इन गर्मियों में सूरज देवता पर दोष मढ़ने वाला बिजली विभाग सर्दी की शुरूआत के साथ ही आरंभ हुई 5 से 9 घंटों की बिजली कटौती को जायज ठहराने के लिए अब बहाने तलाश रहा है।

नतीजा यह है कि स्मार्ट मीटरों को लगाने के साथ ही 24 घंटे बिजली आपूर्ति के किए गए दावे और वादे धरे के धरे रह गये हैं। कारण साफ है कि करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी सिर्फ कश्मीर में है और यही हाल जम्मू संभाग का भी है।

कश्मीर में अभी 1700 मेगावाट बिजली की जरूरत है। 1500 मेगवाट बिजली जम्मू संभाग को चाहिए पर बिजली विभाग अभी से हाथ खड़े कर चुका है। हालांकि इन गर्मियों में कश्मीर को बिजली कटौती से कोई खास फर्क नहीं पड़ा था पर जम्मू संभाग में जैसे प्रतिदिन कई इलाकों में मात्र 6 से 8 घंटों के लिए ही बिजली आपूर्ति हो रही थी वैसा ही हाल अभी से कश्मीर का है।

लाल चौक में दुकान चलाने वाला शब्बीर अहमद ने कहा कि अभी तो सर्दी ने सिर्फ दस्तक दी है और बिजली नदारद हो चुकी है। वहीं कश्मीर पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटड के चीफ इंजीनियर युसूफ जावेद डार ने कहा कि कश्मीर में सूखा पड़ने से दरियाओं में पानी कम होने से बिजली उत्पादन आधे से भी कम हो चुका है।

लेकिन वे इसका कोई उत्तर नहीं देते थे कि जो उत्पादन हो रहा है वह जम्मू कश्मीर के लोगों को देने में प्राथमिकता क्यों नहीं है। क्यों सारी बिजली प्रदेश के बाहर भेजी जा रही है। इस पूरे मामले में सबसे रोचक तथ्य यह है कि बिजली की कमी को पूरा करने के लिए अब अपने ही डैमों से बनाई जाने वाली बिजली खरीदने के लिए केंद्र सरकार से मिन्नते की जा रही हैं।

अधिकारी बिजली के मद पर करोड़ों का खर्चा होने और उगाही अभी भी नगण्य होने की बात जरूर कहते हैं। इसे भूला नहीं जा सकता कि इन गर्मियों में बिजली कटौती को लेकर जम्मू संभाग में मचे हाहाकार के बीच अधिकारियों ने यह कह कर आग को और भड़काया था कि सरकार के पास अतिरिक्त बिजली खरीदने को पैसा नहीं है।

ऐसे में जबकि कश्मीर में सर्दी ने अभी दस्तक दे दी है, बिजली आपूर्ति के मोर्चे पर सरकार के ढेर हो जाने के बाद कश्मीरी भयानक सर्दी के मौसम में बिजली कटौती के प्रति सोच से ही परेशान हो रहे हैं पर सरकार को सिवाय बहाने तलाशने और स्मार्ट मीटर लगाने के बाद 24 घंटे बिजली आपूर्ति के झूठे वादे करने के सिवाय कुछ नहीं सूझ रहा है।

Web Title: Jammu and Kashmir: With the arrival of winter, electricity is lost in the state

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