जम्मू-कश्मीर में भयानक सर्दी, बिजली-पानी की आपूर्ति में दिक्कत, 22 हजार कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल, सेना की मदद मांगी

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 19, 2021 21:32 IST2021-12-19T19:40:53+5:302021-12-19T21:32:24+5:30

जम्मू-कश्मीर के कई जिलों के कई इलाके अंधेरे के आगोश में है। बिजली के अभाव में पानी की किल्लत से हाहाकार की स्थिति उत्पन्न कर दी है।

Jammu and Kashmir winter problem supply electricity water strike 22 thousand employees help of army | जम्मू-कश्मीर में भयानक सर्दी, बिजली-पानी की आपूर्ति में दिक्कत, 22 हजार कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल, सेना की मदद मांगी

जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर डॉ. राघव लंगर ने सेना से मदद मांगी है।

Highlights प्रशासन के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।लोग प्रशासन के खिलाफ रोष जताने लगे हैं। ठंड में बिजली जैसी महत्वपूर्ण सेवा ठप रहने से प्रशासन की सांसें फूल गई है।

जम्मूः जम्मू-कश्मीर में भयानक सर्दी के बीच शून्य से नीचे के तापमान में बिजली विभाग के 22 हजार कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल से मचे हाहाकार के बाद बिजली व पानी की आपूर्ति बहाल करने के लिए सेना की मदद मांगी गई है।

इस आशय का निवेदन जम्मू के मंडलायुक्त ने भेजा है जबकि कश्मीर के मंडलायुक्त भी इसी राह पर चलने वाले हैं।  दरअसल बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ रविवार को दूसरे दिन भी अधिकारियों और कर्मचारियों ने हड़ताल रखी। इससे जम्मू-कश्मीर के कई जिलों के कई इलाके अंधेरे के आगोश में है। बिजली के अभाव में पानी की किल्लत से हाहाकार की स्थिति उत्पन्न कर दी है।

कड़ाके की ठंड में बिजली जैसी महत्वपूर्ण सेवा ठप रहने से प्रशासन की सांसें फूल गई है। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर डॉ. राघव लंगर ने सेना से मदद मांगी है। दूसरी तरफ लोग प्रशासन के खिलाफ रोष जताने लगे हैं। अगर कल तक बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो प्रशासन के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी मांगों पर मूकदर्शक बनी हुई है। कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने कहा कि सरकार विभाग का निजीकरण कर रही है, लेकिन उसने यह नहीं सोचा कि इसका कर्मचारियों के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा। एडहॉक कर्मचारियों का कहना था कि निजीकरण के बाद उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा।

सरकार क्या उन्हें कोई गारंटी दे सकती है। वे कई वर्ष से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन किसी ने भी उनकी मांगों को नहीं सुना। वहीं कर्मचारी दिन भर सरकार के रुख पर भी नजर टिकाए बैठे रहे। हड़ताली कर्मचारियों ने कई जगहों पर प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। बिजली कर्मचारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले काम छोड़ो हड़ताल पर हैं।

जम्मू के शास्त्रीनगर, बख्शी नगर, रेशमघर कालोनी के अलावा कई इलाकों में बिजली पानी नहीं है। वहीं ऊधमपुर, रामनगर, चिनैनी, पंचैरी, घोरड़ी सहित सभी जगहों पर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के कारण हाहाकार मचा हुआ है।

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