कश्मीर में पटरी पर दौड़ने को बेताब है विस्टाडोम, विशेष ट्रेन के चलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जानिए इसके बारे में

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 31, 2020 15:08 IST2020-08-31T15:08:19+5:302020-08-31T15:08:19+5:30

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ रेलवे अधिकारियों की बैठक में कश्मीर में विस्टाडोम ट्रेन सेवा करने पर चर्चा हुई थी। जिसमें इस वर्ष के अंत तक यह सेवा कश्मीर में शुरू करने की बात कही गई थी। इस विशेष ट्रेन के चलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

Jammu and Kashmir Vistaadom train desperate run track running special boost tourism | कश्मीर में पटरी पर दौड़ने को बेताब है विस्टाडोम, विशेष ट्रेन के चलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जानिए इसके बारे में

फिलहाल कश्मीर में भूतहा खामोशी के बीच कश्मीर में विस्टाडोम कब तक पटरी पर दौड़ पाएगी कोई नहीं जानता। (file photo)

Highlightsउपराज्यपाल ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पर एक डाक्यूमेंट्री (वृत्तचित्र) बनाने के लिए विस्टाडोम कोच चलाने का निर्देश दिया है।कांच की छत वाली एसी ट्रेन का कोच मंगलवार को बडगाम से बनिहाल जाएगा, जबकि 78 किलोमीटर की बनिहाल-श्रीनगर रेल लिंक की डाक्यूमेंट्री शूटिंग बुधवार को होगी। जल्द ही कश्मीर आने वाले सैलानी उस विस्टाडोम का सफर कर कश्मीर की खूबसूरती को निहार सकेंगें जो स्टेशन पर खड़ी है।

जम्मूः प्रदेश सरकार ने उत्तर रेलवे को 31 अगस्त से चार दिनों के लिए विशेष विस्टाडोम ट्रेन चलाने की तैयारी करने के लिए कहा है। रेलवे द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि उपराज्यपाल ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पर एक डाक्यूमेंट्री (वृत्तचित्र) बनाने के लिए विस्टाडोम कोच चलाने का निर्देश दिया है।

एक इंजन और दो कोच का ट्रायल रन 31 अगस्त को आयोजित किया जाएगा। कांच की छत वाली एसी ट्रेन का कोच मंगलवार को बडगाम से बनिहाल जाएगा, जबकि 78 किलोमीटर की बनिहाल-श्रीनगर रेल लिंक की डाक्यूमेंट्री शूटिंग बुधवार को होगी। हाल ही में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ रेलवे अधिकारियों की बैठक में कश्मीर में विस्टाडोम ट्रेन सेवा करने पर चर्चा हुई थी। जिसमें इस वर्ष के अंत तक यह सेवा कश्मीर में शुरू करने की बात कही गई थी। इस विशेष ट्रेन के चलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

ऐसे में अब कश्मीर को भी इसके प्रति उम्मीद जागी है कि जल्द ही कश्मीर आने वाले सैलानी उस विस्टाडोम का सफर कर कश्मीर की खूबसूरती को निहार सकेंगें जो स्टेशन पर खड़ी है। पर फिलहाल कश्मीर में भूतहा खामोशी के बीच कश्मीर में विस्टाडोम कब तक पटरी पर दौड़ पाएगी कोई नहीं जानता। यह ट्रेन पिछले दो साल से बडगाम रेलवे स्टेशन पर खड़ी है।

पत्थरबाजों के खतरे के चलते मुसाफिरों को खतरा था। फिर कोरोना का साया इस पर पड़ गया। सूत्रों के अनुसार, सब कुछ ठीक रहा घाटी के सैलानी जल्द ही इस ट्रेन का आनंद उठा सकेंगे। योजना के अनुसार, कश्मीर घाटी में बनिहाल से बारामुल्ला के बीच 137 किलोमीटर तक पारदर्शी कोच वाली ट्रेन को चलाने की योजना है। दरअसल रेलवे को उम्मीद है कि कश्मीर में अब हालात सामान्य होने लगे हैं इसलिए वह ऐसा खतरा मोल ले सकता है।

ऐसे में कश्मीर घूमने आने वाले पर्यटक अब वादी के प्राकृतिक सौंदर्य का मजा, पारदर्शी शीशे की बड़ी-बड़ी खिड़कियों और शीशे की छत वाली कोच जिसे विस्टाडोम कोच कहते हैं, में बैठ कर ले सकते हैं। विस्टाडोम कोच की सुविधा सबसे पहले बनिहाल-बारामुल्ला रेलवे सेक्शन पर उपलब्ध होगी। अधिकारियों के बकौल, कश्मीर यात्रा करने वाले पर्यटक जल्द ही विस्मयकारी ग्रामीण परिदृश्य का बखूबी नजारा देख पायेंगे क्योंकि पर्यटन विभाग व रेलवे, यहां की एकमात्र रेल लाइन पर विस्टाडोम कोच शुरू कर रहे हैं।

वर्ष 2017 में तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने जम्मू में एक कार्यक्रम में कश्मीर के लिए विस्टाडोम कोच की घोषणा की थी।पिछले साल मध्य कश्मीर के बडगाम रेलवे स्टेशन पर 40 सीटों वाले इस कोच का निरीक्षण कर चुके रेलवे अधिकारियों के बकौल, ‘देखें कोच के माध्यम से’ सेवा यात्रियों को रोचक अनुभव प्रदान करेगी।

पर इतना जरूर था कि कश्मीर में पत्थरबाजों से इस कोच को कैसे बचाया जाएगा के सवाल पर अभी भी मंथन चल रहा है। दरअसल कश्मीर में रेलवे की संपत्ति तथा रेलें भी पिछले कुछ अरसे से पत्थरबाजों के निशाने पर रही हैं और रेलवे को करोड़ों का नुक्सान इन पत्थरबाजों के कारण झेलना पड़ा है। यह कोच वातानुकूलित है। इसकी खिड़कियां मोटे पारदर्शी शीशे की हैं जो सामान्य से कहीं ज्यादा बड़ी हैं।

इसकी छत भी शीशे की और इसमें ऑवजर्वेशन लाउंच और घूमने वाली सीटों की व्यवस्था है। इसमें स्वचालित स्लाइोडग दरवाजे हैं। एलईडी स्क्रीन और जीपीएस की सुविधा भी है। यात्री अपनी इच्छानुसार भोजन और जलपान की प्री बुकिंग भी कर सकते हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि एक बार विस्टाडोम कोच की सेवा औपचारिक रूप से शुरू होने के बाद इच्छुक व्यक्ति रेलवे की इंटरनेट साइट पर ऑनलाइन बुकिंग करा सकेगें।

इस वातानुकूलित कोच में शीशे की बड़ी बड़ी खिड़कियां , शीशे की छत, अवलोकन क्षेत्र , घुमावदार सीटें हैं ता कि यात्री बारामुल्ला से बनिहाल के 135 किलोमीटर लंबे मार्ग में आकर्षक सुंदर परिदृश्य का मजा ले पाएं। विशेष तौर पर डिजायन किये गए इस डिब्बे में आरामदेह झुकी हुई सीटें हैं जिसे आसपास का नजारा देखने के लिए 360 डिग्री पर घुमाया जा सकता है।

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