जम्मू-कश्मीरः गुरेज के युवाओं ने 8500 फुट की ऊंचाई पर जमे बर्फ में कराया क्रिकेट टूर्नामेंट, जानिए क्यों करते हैं हर साल ये काम?
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 21, 2023 01:23 PM2023-01-21T13:23:16+5:302023-01-21T13:44:21+5:30
जम्मू-कश्मीरः गुरेज के युवाओं ने 8500 फुट की ऊंचाई पर जमे बर्फ में कराया क्रिकेट टूर्नामेंट, जानिए क्यों करते हैं हर साल ये काम?
जम्मू। अपने इलाके में विंटर स्पोटर्स आयोजित करवाने को लेकर गुरेज के युवाओं ने 8500 फुट की ऊंचाई पर बर्फ में क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया। इसपर विश्व का ध्यान तो गया लेकिन प्रदेश प्रशासन अपनी नजरें फेरे रहा। गौरतलब है कि पिछले साल गुरेज घाटी में स्नो क्रिकेट कर इन युवाओं ने दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया था। उस वक्त ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज, मारनस लेबुस्चगने ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो साझा करते हुए लिखा था- हाउ गुड इज दैट।
गुरेज घाटी में डावर क्षेत्र के निवासियों ने इस सर्दी में भी बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरे बर्फ से ढके मैदान पर एक स्नो क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया। एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अर्शीद अहमद ने बताया कि गुरेज में शीतकालीन खेलों का केंद्र बनने की क्षमता है, फिर भी इसका उपयोग करने के लिए सरकार की ओर से बहुत कम सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र लगभग छह महीने तक बर्फ से ढका रहता है, जिससे यहां शीतकालीन खेलों के आयोजन का अद्भुत अवसर मिलता है।
गुरेज के एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता इरशाद समून ने बताया कि गुरेज में शीतकालीन खेलों के आयोजन के लिए बुनियादी ढांचे की कमी है, लेकिन लोगों और उच्च अधिकारियों को आकर्षित करने के लिए गुरेज के युवा वर्षों से स्नो क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरेज में शीतकालीन खेलों की संभावना उत्साहजनक और संभव है और सरकार को गुरेज में इस पहलू का पता लगाने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए जो घाटी में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
बांडीपोरा के उपायुक्त डॉ. ओवैस अहमद ने बताया कि चूंकि राजदान दर्रे पर बर्फ के जमा होने के कारण गुरेज की एकमात्र सड़क कट जाती है, इसलिए हेलिकाप्टर सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है ताकि आगंतुक सर्दियों में भी गुरेज घाटी में जा सकें। उन्होंने कहा, गुरेज के साथ-साथ पूरे जिले में पर्यटन को बढ़ावा देना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और गुरेज को वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर्यटन स्थल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उनका दावा था कि स्नो स्कीइंग के लिए उपकरण गुरेज को भेज दिए गए हैं और हम इस साल गुरेज में शीतकालीन खेलों के लिए अन्य संभावित कदमों पर काम कर रहे हैं।
तस्वीर में देखा जा सकता है कि चारों तरह 3 से पांच फीट बर्फ जमी है। ऐसे में यहां क्रिकेट तो क्या, आम आदमी चलना भी नहीं सोच सकता। पर पाकिस्तान से सटे एलओसी के गुरेज इलाके के मरकूट, अछूरा और बगटोर गांवों के युवाओं ने मिलकर ऐसा कारनामा कर दिखाया है। हालांकि ऐसा करने के पीछे उनका मकसद ध्यान आकर्षित करने के अतिरिक्त रोष प्रकट करना भी था।
गांवों के नागरिकों का कहना है कि अगर पूरी वादी में विंटर स्पोर्टस आयोजित किए जा सकते हैं तो गुरेज घाटी में क्यों नहीं। क्षेत्र के एक स्थानीय सरपंच मुस्तफा लोन का कहना था कि गुरेज में साल में करीब 6 से 8 महीनों तक बर्फ जमी रहती है और यह इलाके विंटर स्पोर्टस के लिए बहुत ही बढ़िया माने जाते हैं।
पर इस घाटी के लोगेां की बदकिस्मती यह है कि पिछले कई साल से वे विंटर स्पोर्टस करवाने की खतिर रोष प्रकट करने और अधिकारियों का ध्यान इस इलाके की ओर खींचने की खातिर कई बार क्रिकेट टूर्नामेंटों का आयोजन कर चुके हैं पर अधिकारियों के कानों पर फिलहाल जूं तक नहीं रेंग पाई है।