जम्मू-कश्मीर: बर्फबारी और सीजफायर ने लगाई लगाम, आतंकवादियों की घुसपैट हुई कम

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 21, 2023 11:51 AM2023-02-21T11:51:46+5:302023-02-21T11:56:25+5:30

20 साल पहले कश्मीर सीमा पर घोषित सीजफायर को तोड़ने के करीब सैंकड़ों प्रयास पाक सेना द्वारा इसलिए भी किए जा चुके हैं क्योंकि इस ओर गतिविधियां चला रहे आतंकी बार-बार यह धमकी दिए जा रहे हैं कि या तो सीमा पार से और खेपें भेजी जाएं या फिर उन्हें वापस पाकिस्तान लौटने की अनुमति दी जाए।

Jammu and Kashmir Snowfall and ceasefire put a halt infiltration of terrorists reduced | जम्मू-कश्मीर: बर्फबारी और सीजफायर ने लगाई लगाम, आतंकवादियों की घुसपैट हुई कम

फाइल फोटो

Highlightsजम्मू-कश्मीर में बीते कुछ समय से आतंकवादी गतिविधियों में रोक आई हैघाटी में बर्फबारी और सीजफायर के कारण आतंकी अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैंबर्फबारी और सीजफायर के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं कम हो रही है

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर कई वर्षों से आतंकवाद की समस्या का सामना कर रहा है। करीब 33 सालों से पाक परस्त आतंकवाद से जूझ रही कश्मीर घाटी में घुसपैठ और हिंसा के कम होने के दावों का श्रेय सही मायनों में सीमाओं पर जारी सीजफायर और बर्फबारी को ही जाता है। अगर सीमाओं पर सीजफायर तथा बर्फबारी न होती तो घुसपैठ तथा हिंसा के कम होने के दावे कर पाना शायद ही संभव हो पाता।

सीजफायर और अप्रत्याशित बर्फबारी के कारण आतंकियों को घुसपैठ करने तथा हिंसा फैलाने में आ रही दिक्कतों की पुष्टि आतंकियों के पकड़े गए संदेशों से भी होती है। कुछ दिन पहले भी ऐसे एक संदेश को पकड़ा गया जिसमें कश्मीर में सक्रिय आतंकियों ने इसके प्रति रोना रोया था कि पहले सीजफायर के कारण उन्हें नए साथी ही नहीं मिल रहे हैं और अब बर्फबारी भी उनकी गतिविधियों को रोकने में बड़ी भूमिका निभा रही है। 

20 साल पहले कश्मीर सीमा पर घोषित सीजफायर को तोड़ने के करीब सैंकड़ों प्रयास पाक सेना द्वारा इसलिए भी किए जा चुके हैं क्योंकि इस ओर गतिविधियां चला रहे आतंकी बार-बार यह धमकी दिए जा रहे हैं कि या तो सीमा पार से और खेपें भेजी जाएं या फिर उन्हें वापस पाकिस्तान लौटने की अनुमति दी जाए। ''और किताबें अर्थात प्रशिक्षित आतंकी इस ओर भेजिए। नहीं तो हमारा टिक पाना मुश्किल हो जाएगा। हमें वापस लौटना ही होगा'', हिज्बुल मुजाहिदीन के एक कमांडर ने पाक कब्जे वाले कश्मीर में स्थित सी-6 कोड नामक स्थान पर स्थित अपने आकाओं को यह संदेश कुछ अरसा पहले दिया था। 

इतना जरूर था कि इससे पहले की उसके संदेश पर अमल होता एलओसी पर बर्फीले सुमानी ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसे तो अब आधिकारिक तौर पर ही माना जाने लगा है कि पाक सेना सीजफायर को जारी रखने के पक्ष में नहीं है और वह इस कोशिश में जुटी हुई है कि किसी प्रकार सीजफायर टूट जाए और वह बेफिक्र होकर आतंकियों को इस ओर धकेल सके।

अगर सीजफायर टूट गया तो क्या होगा। इससे कोई अनभिज्ञ नहीं है। आतंकी हिंसा तथा घुसपैठ में कमी के दावे अपने आप समाप्त हो जाएंगे। स्थिति यह है कि सबसे अधिक परेशानी सीजफायर की सलामती के प्रति है। सुरक्षाधिकारी भी इसे स्वीकार करते हैं कि एक बार सीजफायर टूट गया तो आतंकियों की बाढ़ आएगी और वह आतंकी हिंसा में कश्मीर को बहा कर ले जाएगी।

Web Title: Jammu and Kashmir Snowfall and ceasefire put a halt infiltration of terrorists reduced

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