जम्मू-कश्मीर: विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं से वापस ली गई सुरक्षा, जानें मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: July 8, 2024 10:28 IST2024-07-08T10:26:27+5:302024-07-08T10:28:20+5:30

प्रदेश में विधानसभा के संभावित चुनावों से पहले उपराज्यपाल प्रशासन ने कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं और पूर्व न्यायाधीशों और पुलिस अधिकारियों के अलावा कुछ पत्रकारों की सुरक्षा वापस ले ली है।

Jammu and Kashmir: Security withdrawn from leaders before assembly elections, know the matter | जम्मू-कश्मीर: विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं से वापस ली गई सुरक्षा, जानें मामला

जम्मू-कश्मीर: विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं से वापस ली गई सुरक्षा, जानें मामला

Highlightsराजनीतिक पंडित इसे कश्‍मीर में सब चंगा है दिखाने की कवायद मानते हैं। कुछ मीडियाकर्मियों की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है।पुलिस प्रशासन ने 57 वीआईपी की सूची जारी की है, जिनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है।

जम्‍मू: प्रदेश में विधानसभा के संभावित चुनावों से पहले उपराज्यपाल प्रशासन ने कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं और पूर्व न्यायाधीशों और पुलिस अधिकारियों के अलावा कुछ पत्रकारों की सुरक्षा वापस ले ली है। राजनीतिक पंडित इसे कश्‍मीर में सब चंगा है दिखाने की कवायद मानते हैं। 

हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना था कि इस प्रक्रिया पर काफी विचार किया गया था और राज्य स्तरीय समिति (एसएलसी) ने 30 मार्च, 2024 को कुछ वीआईपी से सुरक्षा और गार्ड वापस लेने के बारे में जो फैसला किया लिया था उसके तहत यह कदम उठाया गया है। 

और इस फैसले का पालन करते हुए कुछ शीर्ष पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों और नौकरशाहों के अलावा कुछ पत्रकारों से सुरक्षा कवर वापस ले लिया गया है। हालांकि इस कदम को उठाने की टाइमिंग पर उठते सवालों का जवाब अधिकारी नहीं दे पाते थे। 

मिलने वाली जानकारी के मुताबिक, पूर्व आईपीएस अधिकारी मुनीर अहमद खान, जो वर्तमान में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के सदस्य हैं; जुनैद मट्टू, पूर्व मेयर श्रीनगर; पूर्व न्यायाधीश, मोहम्मद याकूब मीर; सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, मंसूर अहमद मीर; फारूक अहमद शाह, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, वर्तमान में एनसी नेता; पूर्व सांसद, शरीफ दीन शरीक; पूर्व विधायक, मोहम्मद शफी उरी; पूर्व मंत्री, जावेद मुस्तफा मीर, एम अशरफ मीर और इमरान रजा अंसारी और कई अन्य की सुरक्षा व्‍यवस्‍था हटाने का फैसला लिया गया है।

कुछ मीडियाकर्मियों की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। पुलिस प्रशासन ने 57 वीआईपी की सूची जारी की है, जिनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है। इस आदेश पर एसएसपी श्रीनगर ने हस्ताक्षर किए हैं। प्रशासन के इस फैसले से यहां नई बहस छिड़ गई है। 

लोग इस फैसले के समय पर सवाल उठा रहे हैं। एक तरफ तो उपराज्यपाल प्रशासन विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा है, लेकिन दूसरी तरफ कुछ अहम शख्सियतें, जो इस प्रक्रिया को सफल बना सकती हैं, उन्हें सुरक्षा कवर नहीं दिया जा रहा है। 

कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है था कि आप राजा एजाज, जुनैद मट्टू, इमरान और आबिद अंसारी, मोहम्मद शफी उरी, जावेद मुस्तफा मीर और एम अशरफ मीर जैसे लोगों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे, जबकि उनके पास सुरक्षा कवर नहीं है। 'यह सच है कि सुरक्षा कवर भी एक उपद्रव बन गया है। 

कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके पैरों तले जमीन नहीं है और वे वीवीआईपी सुरक्षा कवर का आनंद ले रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो विपरीत समय में देश की अखंडता के लिए खड़े रहे। जिनके पैरों तले ज़मीन नहीं बची है, उन्हें सुरक्षा दी जा रही है, लेकिन देश के साथ खड़े होने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वालों से सुरक्षा वापस ले ली गई है।

पुलिस द्वारा जारी किया गया ताजा आदेश कई लोगों को हैरान कर रहा है, क्योंकि जाहिर तौर पर इसमें कोई तर्क नहीं दिखता। एक राजनीतिक नेता का कहना था कि आपने अभी-अभी लोकसभा चुनाव संपन्न किए हैं, और विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहे हैं और कुछ प्रमुख राजनीतिक खिलाड़ियों की सुरक्षा वापस ले रहे हैं। आप क्या संदेश देना चाहते हैं?

Web Title: Jammu and Kashmir: Security withdrawn from leaders before assembly elections, know the matter

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