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जम्मू-कश्मीर: पुंछ में 50 घंटों की खामोशी के बाद फिर शुरू हुई आतंकियों के साथ मुठभेड़, 12वां दिन, 9 जवान हुए हैं शहीद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 22, 2021 17:18 IST

पुंछ के चमरेड़ और भाटाधुलियां के जंगल में आतंकियों की तलाश में पिछले 12 दिन से तलाशी अभियान चल रहा है। इस दौरान मुठभेड़ में सेना के नौ जवान शहीद हो चुके हैं।

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ठळक मुद्देपुंछ के जंगलों में 12वें दिन आतंकियों से मुठभेड़ जारी, सेना का एक और जवान घायल हुआपुंछ के चमरेड़ और भाटाधुलियां के जंगल में आतंकियों की तलाश में जुटी है सेना।आतंकियों के ठिकाने तक पहुंचने की कोशिश में सेना, 6 आतंकियों के मारे जाने की भी खबर।

जम्मू: पुंछ के जंगलों में 12वें दिन भी आतंकियों से चल रही मुठभेड़ खत्म नहीं हो पाई क्योंकि बचे हुए आतंकी अभी तक मारे नहीं गए हैं। बारहवें दिन 50 घंटों की खामेाशी के बाद आतंकियों के साथ फिर से मुठभेड़ आरंभ हुई। इस बीच एक और सैनिक के जख्मी होने की खबर है। 

इस मुठभेड़ में अभी तक सेना के 9 जवान शहीद हो चुके हैं और हजारों सैनिक इस मुठभेड़ में लगे हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, भाटाधुलियां जंगल में सुरक्षाबलों व आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी में सेना का एक जवान घायल हो गया।

जंगल घना होने की वजह से सेना के जवान आतंकियों को सीधे तौर पर देख नहीं पा रहे हैं। शुक्रवार सुबह से शुरू हुई गोलीबारी का सिलसिला लगातार जारी है। जंगल के साथ लग रहे इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि मुठभेड़ में दोनों ओर से बड़े-बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

स्थानीय लोगों के मुताबिक सुबह से ही वे बम धमाकों की आवाजें सुन रहे हैं। घायल जवान को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि पुंछ के चमरेड़ और भाटाधुलियां के जंगल में आतंकियों की तलाश में पिछले 12 दिन से तलाशी अभियान चल रहा है। इस दौरान मुठभेड़ में सेना के नौ जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें से पांच जवान चमरेड़ और चार भाटाधुलियां के जंगल में शहीद हुए हैं।  इसके बाद से अब तक आतंकियों का कहीं पता नहीं चला है। जंगल काफी घना है। एहतियात बरतते हुए जवान आगे बढ़ रहे हैं।

6 आतंकी हुए हैं ढेर: सूत्र

भाटाधुलियां के घने जंगल में भले ही अभी आतंकियों का कुछ पता नहीं चला हो, लेकिन सूत्रों का कहना है कि 6 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। हो सकता है कि जंगल में आतंकियों ने अपना कोई ठिकाना बना रखा हो। सूत्रों का कहना है कि जंगल में कुछ और आतंकी भी हो सकते हैं। 

जंगल के अंदर जवान दाखिल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उस जगह तक नहीं पहुंच पाए हैं, जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। इसलिए जवान आतंकियों के उस ठिकाने तक पहुंचकर ही आखिरी कार्रवाई को अंजाम देंगे। इसके बाद इस आपरेशन को खत्म कर दिया जाएगा।

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