जम्मू-कश्मीरः आतंकियों से बचाने की खातिर अस्थाई जेलों में बंद हैं नेता, लेकिन चूहों से बचा पाने में नाकाम हो रहा प्रशासन
By सुरेश डुग्गर | Updated: September 3, 2019 20:19 IST2019-09-03T20:19:13+5:302019-09-03T20:19:13+5:30
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद एक करीब एक महीने से सूबे के कई नेता नजरबंद है। पुलिस ने नेताओं को कश्मीर में डल झील के किनारे स्थित लेक व्यू होटल में नजरबंद किया हुआ है।

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केंद्र सरकार ने हजारों राजनीतिज्ञों को यह कह कर 5 अगस्त से नजरबंद कर रखा है कि उनकी जान को आतंकियों से खतरा पैदा हो सकता है। उन्हें इस कथन के साथ जेलों में बंद कर दिया पर जेलों में खुलेआम घूम रहे चूहों से प्रशासन उनको बचाने में नाकाम हो रहा है जो उन्हें कुतर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद एक करीब एक महीने से सूबे के कई नेता नजरबंद है। पुलिस ने नेताओं को कश्मीर में डल झील के किनारे स्थित लेक व्यू होटल में नजरबंद किया हुआ है। इस रिसोर्ट को वीवीआईपी जेल में बदल दिया गया है। यहां करीब 36 नेता नजरंबद है। यहां कई नेताओं को चूहों ने काट लिया है और यहां नजरबंद नेता चूहों के आतंक से परेशान हैं।
स्थानीय न्यूज एजेंसी के मुताबिक, परिवार और आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस के एक-एक नेता को शनिवार को चूहों ने काट लिया। ये लोग जब रात को अपने कमरे में सो रहे थे तब चूहों ने इन्हें काटा। जेल अधीक्षक ने कई बार काल करने के बावजूद जवाब नहीं दिया। इस जेल में पूर्व आईएएस शाह फैजल भी नजरबंद हैं।
सूत्रों ने कहा कि नेशनल नेशनल कांफ्रेंस के नेता मुख्तार बंड और पीडीपी नेता निजामुद्दीन भट को शनिवार रात चूहे ने काटा। बंड को रेबीज का टीका लगाया गया है।
सूत्रों ने कहा कि मुझे यह देखना होगा कि निजामुद्दीन साहब का इलाज किया जा रहा है या नहीं। पारिवारिक सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि की है। बंड पूर्व मंत्री और तीन बार के पुलवामा विधायक के बेटे हैं। दोनों ने ही पीडीपी से जुलाई में इस्तीफा दे दिया था। नजरबंद नेताओं ने इसकी शिकायत मौखिक रूप से अधिकारियों से की हैं।
नेताओं के परिवार ने चूहों की मौजूदगी पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि ये यह हाई-प्रोफाइल कैदियों को आतंकित करने के लिए जानबूझकर किया जा रहा प्रयास हो सकता है। एक रिश्तेदार ने कहा कि आप एक तीन सितारा होटल के अंदर कैसे चूहों की उम्मीद कर सकते हैं? पत्रकारों को परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।
एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि नेताओं को अकेलापन और घबराहट तो महसूस हो रही थी लेकिन अब चूहों को डर भी सताने लगा है। उन्होंने एक राजनेता के हवाले से बताया कि वो लोग होटल की पहली मंजिल में अपने कमरों तक सीमित रहते हैं। उन्हें समाचार पत्र नहीं दिए जाते। इन लोगों के पास टेलीविजन तक पहुंच हैं। ये एक साथ भोजन कर सकते हैं लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर नहीं आ सकते, सिवाय मेहमानों से मिलने के।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी एक अलग होटल में नजरबंद हैं। करीब तीन हफ्ते बाद नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को करीब एक महीने बाद उनके परिवार से मिलने की इजाजत दी गई थी। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान सांसद फारूक अब्दुल्ला भी नजरबंद हैं।