जम्मू-कश्मीर: पूर्व CM महबूबा पर अलगाववादियों से मिलीभगत का आरोप, जानें प्रशासन ने PSA लगाने को लेकर और क्या तर्क दिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 9, 2020 09:42 AM2020-02-09T09:42:25+5:302020-02-09T09:43:00+5:30
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने महबूबा के अलावा, वरिष्ठ पीडीपी नेता नईम अख्तर पर कठोर जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत कार्रवाई की है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी थीं।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत केस दर्ज किया गया है। प्रशासन ने इसके लिए 'अलगाववादियों के साथ काम करने' का हवाला दिया है। छह पेज के डोजियर में हिरासत की यही वजह बताई गई है।
'कश्मीर टाइम्स' की खबरों की मानें तो जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने महबूबा के अलावा, वरिष्ठ पीडीपी नेता नईम अख्तर पर कठोर जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत कार्रवाई की है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी थीं।
अख्तर कश्मीर में मुख्यधारा के छठे नेता हैं जिनपर विवादित कानून पीएसए के तहत कार्रवाई की गई है। यह कानून 1978 में लकड़ी की तस्करी पर लगाम कसने के लिए लागू किया गया था। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर पिछले साल सितंबर में पीएसए लगाया गया था जबकि दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों - उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती- के खिलाफ गत गुरुवार को इस कानून के तहत कार्रवाई की गई।
नेशनल कांफ्रेस के महासचिव अली मोहम्मद सागर और पीडीपी नेता सारा मदनी को भी पीएसए कानून के तहत हिरासत में लिया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद -370 को निरस्त करने की घोषणा के बाद कश्मीर में मुख्य धारा के कई नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया। इनमें से करीब 20 नेताओं को या तो रिहा कर दिया गया है या फिर उन्हें उनके आवास पर ही नजरबंद किया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने से पहले महबूबा मुफ्ती ने एक बयान दिया था जिसमें कहा था 'हम केंद्र सरकार को बताना चाहते हैं कि अनुच्छेद 35ए के साथ छेड़छाड़ बारूद को हाथ लगाने जैसा होगा। 35ए को जो कोई भी हाथ लगाएगा, न सिर्फ उसका हाथ बल्कि पूरा शरीर जल कर राख हो जाएगा।' महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 हटाने पर 'लिंचिंग' और 'हाइवे बंद' करने की चेतावनी दी थी। डोजियर में इन बातों का जिक्र किया गया है, जिसके आधार पर महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पीएसए चस्पा किया गया है।