कोरोना ने कई मिथ्यों को तोड़ डाला जम्मू-कश्मीर में, पहले दरबार मूव को बदला, अब अमरनाथ यात्रा भी रद्द करवा दी
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: July 22, 2020 18:33 IST2020-07-22T18:33:21+5:302020-07-22T18:33:21+5:30
अमरनाथ यात्रा का संचालन करने वाले दशनामी आखाड़े के महंत दीपिंदर गिरी ने इस साल की अमरनाथ यात्रा के स्थागित किए जाने पर दुःख भी जताया है। हालांकि, उन्होंने इसे भगवान शिव का फैसला मानकर सही भी ठहराया है।

कोरोना के काण प्रशासन ने इसे बदल दिया। यह बदलाव स्थाई है या अस्थाई, यह चर्चा का अलग विषय है। (file photo)
जम्मूः कोरोना ने इस बार जम्मू कश्मीर में भी कई मिथ्यों को तोड़ डाला है। अगर डेढ़ सौ सालों के ज्ञात इतिहास में पहली बार अमरनाथ यात्रा किसी महामारी के कारण स्थगित कर दी गई तो महामारी के कारण ही 148 सालों से चली आ रही ‘दरबार मूव’ की परंपरा भी बदली जा चुकी है।
अमरनाथ यात्रा का संचालन करने वाले दशनामी आखाड़े के महंत दीपिंदर गिरी ने इस साल की अमरनाथ यात्रा के स्थागित किए जाने पर दुःख भी जताया है। हालांकि, उन्होंने इसे भगवान शिव का फैसला मानकर सही भी ठहराया है। दीपिंदर गिरी ने एक वीडियो स्टेटमेंट जारी कर कहा कि बहुत से कारणों के चलते यात्रा के संचालन में रुकवाटें आ रही हैं।
कई बार पहले भी यात्रा को खराब मौसम या सुरक्षा हालात के चलते समय से पहले रोकना पड़ा है। लेकिन जिस तरह से आज बिना शुरू हुए ही यात्रा को समाप्त घोषित किया गया है यह इतिहास में पहली बार है। अभी तक अमरनाथ यात्रा के प्रति यह मिथ्य था कि यह कभी नहीं रुकी है। चाहे आतंकी हमला हो या प्राकृतिक आपदा।
सच भी है। ज्ञात 150 सालों के इतिहास के दौरान यह अनवरत रूप से चलती रही है। पर इस बार कुदरत के चमत्कार ने सब कुछ बदल कर रख दिया। प्रदेश में पिछले 148 सालों से दरबार मूव अर्थात राजधानी बदले जाने की परंपरा को भी कभी आतंकी हमले या युद्ध की स्थिति हिला नहीं पाई थी।
परंतु इस बार कोरोना के काण प्रशासन ने इसे बदल दिया। यह बदलाव स्थाई है या अस्थाई, यह चर्चा का अलग विषय है। परंतु सच्चाई यही है कि इस परंपरा के टूट जाने से कई पक्ष खुश भी हुए हैं। कोरोना ने चमलियाल मेले की परंपरा को भी तोड़ दिया है।
कई सौ सालों से यह मेला चल रहा था। पर कोरोना ने इस पर रोक लगा दी। अन्य धार्मिक यात्राओं पर भी रोक लगाने की तैयारी चल रही है जबकि माता वैष्णो देवी की यात्रा भी शुरू नहीं हो पाई है और इसके प्रति मिथ्य को भी कोरोना ने तोड़ा है।