लद्दाख में चीन से निपटने की तैयारी, फास्ट इंटरसेप्टर मोटर बोट और इजरायली स्पाइक टैंकरोधी मिसाइल तैनात

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 3, 2020 17:22 IST2020-09-03T17:22:03+5:302020-09-03T17:22:03+5:30

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान अक्सर घुसपैठ कर भारतीय इलाके में अतिक्रमण करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अब दिन या रात में भारतीय सेना किसी भी वक्त चीन के सैनिकों की हर हरकत को भांप लेंगे।

Jammu and Kashmir Clash Leh China Ladakh fast interceptor motor boat and Israeli spike anti-tanker missile deployed | लद्दाख में चीन से निपटने की तैयारी, फास्ट इंटरसेप्टर मोटर बोट और इजरायली स्पाइक टैंकरोधी मिसाइल तैनात

एटीवी और छोटे बख्तरबंद वाहनों से लैस होने पर भारतीय जवान एलएसी के हर हिस्से में कम समय में तेजी से पहुंच सकेंगे। (file photo)

Highlightsजानकारी के लिए लद्दाख के पूर्वी हिस्से में एलएसी पर मई माह से ही भारत व चीन के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है। चीन के इलाके में सड़क नेटवर्क बेहतर है और उसके जवानों की आवाजाही हर जगह आसान होती है, जबकि भारतीय इलाके में ज्यादा कठिनाइयां हैं।रेतीले, पहाड़ी व बर्फीले इलाकों में आवाजाही के लिए एटीवी के अलावा कुछ मोबाइल बंकर और छोटी बख्तरबंद गाड़ियां भी मांगी गई हैं।

जम्मूः लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर स्थित पैंगांग झील में गश्त को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए फास्ट इंटरसेप्टर मोटर बोट उतारी जा रही हैं।  इतना ही नहीं, 50 की संख्या में इजरायली स्पाइक टैंकरोधी मिसाइल लान्चर भी लद्दाख और जम्मू कश्मीर में सेना को मुहैया कराए जा रहे हैं।

जानकारी के लिए लद्दाख के पूर्वी हिस्से में एलएसी पर मई माह से ही भारत व चीन के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है। इस क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान अक्सर घुसपैठ कर भारतीय इलाके में अतिक्रमण करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अब दिन या रात में भारतीय सेना किसी भी वक्त चीन के सैनिकों की हर हरकत को भांप लेंगे।

इसके लिए अभूतपूर्व तैयारी शुरू की है। इसी रणनीति को जमीन पर पूरी तरह उतारने लिए फायर एंड फ्यूरी कोर को अत्याधुनिक यूएवी (अनमैंड एरियल व्हीकल), एनवीडी (नाइट विजन डिवाइस) और एटीवी (ऑल टेरेन व्हीकल) उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

चुशूल सेक्टर में करीब 40 हजार जवान व अधिकारी आप्रेशनल मोड में तैनात किए

इस समय भारतीय सेना ने दौलत बेग ओल्डी, गलवन घाटी और पैंगांग झील व चुशूल सेक्टर में करीब 40 हजार जवान व अधिकारी आप्रेशनल मोड में तैनात किए हैं। यह तैनाती फायर एंड फ्यूरी कोर (इसे 14 कोर भी कहा जाता है) के जवानों व अधिकारियों के अतिरिक्त हैं। सेना की 14 कोर ही लद्दाख में सरहदी इलाकों की जिम्मेदारी संभालती है।

एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर कई जगह सड़कें नहीं हैं। इन इलाकों में एटीवी ही मुफीद हैं। इससे जवानों का मनोबल और विश्वास भी बढ़ता है। साथ ही दुश्मन पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ता है।

पूर्वी लद्दाख में चीन के अतिक्रमण के ट्रेंड का जो आकलन किया गया

बीते कुछ सालों के दौरान पूर्वी लद्दाख में चीन के अतिक्रमण के ट्रेंड का जो आकलन किया गया है, उसमें एक बात यह भी है कि एलएसी पर चीन के इलाके में सड़क नेटवर्क बेहतर है और उसके जवानों की आवाजाही हर जगह आसान होती है, जबकि भारतीय इलाके में ज्यादा कठिनाइयां हैं।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि फायर एंड फ्यूरी कोर ने उत्तरी कमान को जल्द ही अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरण, थर्मल इमेजर व सेंसरों समेत हर मौसम में क्रियाशील रहने वाले स्वचालित निगरानी कैमरे और आठ यूएवी उपलब्ध कराने के लिए कहा है, ताकि चीन की सेना की गतिविधियों की और सटीक निगरानी की जा सके।

इसके साथ ही एलएसी पर पथरीले, रेतीले, पहाड़ी व बर्फीले इलाकों में आवाजाही के लिए एटीवी के अलावा कुछ मोबाइल बंकर और छोटी बख्तरबंद गाड़ियां भी मांगी गई हैं। एटीवी और छोटे बख्तरबंद वाहनों से लैस होने पर भारतीय जवान एलएसी के हर हिस्से में कम समय में तेजी से पहुंच सकेंगे। इससे गश्त भी तेज होगी।

Web Title: Jammu and Kashmir Clash Leh China Ladakh fast interceptor motor boat and Israeli spike anti-tanker missile deployed

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