लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीरः औसतन एक दिन में 8 बार सीमा पर गोलों की होती है बरसात, लाखों सीमावासी पलायन की तैयारी में

By सुरेश डुग्गर | Updated: January 8, 2019 19:21 IST

यही नहीं गोलों व गोलियों की तेज होती बरसात के बीच लाखों सीमावासी अब फिर से पलायन की तैयारी में भी इसलिए जुट गए हैं क्योंकि सीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं। यह गोलाबारी कितनी है आंकड़े आपको हैरान कर देंगे। 

Open in App

कहने को तो पाकिस्तान से सटे जम्मू कश्मीर के इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी पर पिछले 15 सालों से दोनों मुल्कों की सेनाओं के बीच सीजफायर है पर अब हर दिन सीमाओं पर होने वाली गोलों और गोलियों की बरसात अब सीजफायर का मजाक उड़ाने लगी हैं। 

यही नहीं गोलों व गोलियों की तेज होती बरसात के बीच लाखों सीमावासी अब फिर से पलायन की तैयारी में भी इसलिए जुट गए हैं क्योंकि सीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं। यह गोलाबारी कितनी है आंकड़े आपको हैरान कर देंगे। 

सरकार ने खुद माना है कि वर्ष 2018 में पाक सेना ने औसतन एक दिन में 8 बार गोलों की बरसात की है। बावजूद इसके इस स्थिति को सीजफायर का ही नाम दिया जा रहा है।

सीमाओं पर जारी सीजफयर के बावजूद पाक सेना ने पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ करीब 3000 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। जम्मू कश्मीर में सीमा पर पिछले साल संघर्ष में 61 लोग मारे गए हैं जबकि एक हजार से ज्यादा घायल हुए हैं। आधिकारिक आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि पाक सेना ने पिछले साल हर दिन सीमा और एलओसी पर 8 बार गोलाबारी की जो इस साल भी जारी है।

आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया है कि जम्मू कश्मीर में सीमा पर 50 हजार लोगों को संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। इनमें से करीब छ हजार रिलीफ कैंपों में रहे जबकि बाकी के अपने रिश्तेदारों के घर। जबकि 2017 में बार्डर पर 971 बार सीजफायर उल्लंघन हुआ जिसमें 31 लोग मारे गए जबकि 151 अन्य घायल हुए।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2016 में भी पाक सेना ने सबसे ज्यादा करीब 437 बार सीजफायर का उल्लंघन किया था। करीब करीब प्रत्येक सीजफायर के उल्लंघन का जवाब भारतीय पक्ष की ओर से दिया गया था। अर्थात उस ओर से गोले दागे गए तो इस ओर से भी गोले ही दागे गए। कभी मोर्टार का इस्तेमाल उस ओर से हुआ तो कभी छोटे तोपखानों का।

नतीजा सामने था। पिछले साल 26 नवम्बर को 15 साल पूरे करने वाले सीजफायर के अरसे में अब आंकड़ा यह कहता है कि हर दिन पाक सेना ने कई बार गोलाबारी कर सीजफायर का मजाक उड़ा दिया। अब यह अनुपात बढ़ता जा रहा है। इस महीने का आंकड़ा लें तो उसने दिन में बीसियों बार गोलियां बरसाई हैं।

सीजफायर के पहले दो-तीन सालों में भी उल्लंघन की कुछ घटनाएं हुई थीं पर तब सैनिक ठिकाने ही पाक सेना के निशाने पर थे। पर अब एक बार फिर उसने सीमाओं पर सीजफायर से पहले वाली परिस्थिति पैदा कर दी है। अर्थात अब उसके मोर्टार और लंबी दूरी केे हथियारों के मुंह नागरिक ठिकानों की ओर हो गए हैं। यही कारण था कि वह अब जम्मू सीमा के गांवों को निशाना बना वहां मरघट की शांति पैदा करने में कामयाब रहा है। जम्मू सीमा के गांवों में भयंकर तबाही का मंजर है।

पाक सेना द्वारा सीजफायर के लगातार किए जाने वाले उल्लंघन का भारतीय पक्ष की नजर में एक ही कारण, घुसपैठियों को इस ओर धकेलना है। सैनिक अधिकारी कहते भी रहे हैं कि पाक सेना की नजरों में सीजफायर के मायने इसकी आड़ में आतंकियों को एकत्र करना और सैनिक ठिकानों को मजबूती प्रदान करना रहा है।

जबकि अब वह आतंकियों को इस ओर धकेलने के लिए फिर से कवरिंग फायर की नीति अपनाने लगा है। जिस कारण सीमांतवासी सीमा से सटे अपने घरों को त्यागने के लिए मजबूर होने लगे हैं। हालांकि इसे आधिकारिक तौर पर पर चाहे नहीं माना गया है पर सीमांत गांवों का दौरा करने पर यह सामने आया है कि सीमावासी सुरक्षित ठिकानों पर चले जाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि पाक सेना अपने नापाक इरादों से पीछे नहीं हटने वाली है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरएलओसी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट