नई दिल्ली, 27 जून: बीते साल जुलाई में अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले के बाद यात्रा की सुरक्षा को लेकर सरकार पर खूब सवालिया निशान उठे। हालांकि हमले के 15 दिनों के भीतर ही सेना ने हमले में शामिल सभी आतंकियों का खात्मा कर दिया था, लेकिन असल सवाल यह था कि “क्या पहले से सुरक्षा के पुख्ता नहीं होने चाहिए” ?
रेडियो फ्रिक्वेंसी से होगा कंट्रोल
इस साल सरकार ने एक नए तरह का सुरक्षा इंतजाम किया है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक पर काम करेगा। इसके तहत अमरनाथ यात्रा के वाहनों पर एक ऐसा आई.डी. टैग (पहचान चिन्ह) लगेगा जिसकी मदद से वाहनों की चाल पर नजर रखना सम्भव होगा। अमरनाथ यात्रा के कुल दो रूट हैं और उन दो रूटों के कुल चार रिसेप्शन केंद्र हैं। वाहनों पर लगे आई.डी. टैग से उनके रिसेप्शन केंद्र से गुजरने की जानकारी अधिकारियों को मिल जाएगी।
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अगर वाहनों की स्थिति की जानकारी रिसेप्शन केंद्रों को नहीं मिलती तो सम्बंधित अधिकारी सीधे आई.जी. कंट्रोल रूम को सूचित कर पायेंगे। इसके अलावा केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की ओर से दो पहिया वाहन भी यात्रियों की सुरक्षा में लगाए जाएंगे। सुरक्षा के इंतजाम होना इसलिए भी जरूरी है क्योकि औसतन हर साल अमरनाथ यात्रियों की संख्या बढ़ती ही है। ऐसे में सरकार के लिए देश के लोगों की आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान की सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करना ज़रूरी हो ही जाता है। पिछली कई आतंकी घटनाओं को जिस तरह से अंजाम दिया गया था, दोबारा ऐसी अव्यवस्था न हो ऐसी कुछ फिर से ना दोहराया जाए इसके लिए सरकार और सेनाके पुख्ता इंतजाम बेहद जरूरी हैं।(रिपोर्ट- विभव देव शुक्ला)