सात माह में 154 आतंकी ढेर, 90 और ने आतंकवाद की राह को थामा, 34 सुरक्षाकर्मी शहीद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 10, 2020 17:53 IST2020-08-10T17:52:56+5:302020-08-10T17:53:35+5:30

वर्ष 2019 में 7 महीनों में 74 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे जबकि इस बार अभी तक 34 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। दरअसल पिछले साल पुलवामा में 49 के करीब सैनिकों की शहादत के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ जो अभियान छेड़ा वह अभी भी जबरदस्त कामयाबी की ओर बढ़ रहा है।

Jammu and Kashmir 154 terrorists killed seven months 90 more terrorism 34 security personnel martyred | सात माह में 154 आतंकी ढेर, 90 और ने आतंकवाद की राह को थामा, 34 सुरक्षाकर्मी शहीद

अधिकारी कहते हैं कि आतंकियों के विरुद्ध हल्लाबोल कार्रवाई के तहत उन्हें मार गिराने का सिलसिला और तेज किया जाएगा।

Highlightsपिछले साल 163 और इस बार 210 दिनों में 154 आतंकी मारे गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, औसतन प्रतिदिन मरने वाले आतंकियों का आंकड़ा डेढ़ है।कामयाबी की खुशी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नहीं है। जिनकी चिंता का कारण लगातार आतंकवाद की राह पा युवओं का चलते जाना है।पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के बकौल कश्मीर में अभी भी 300 से अधिक स्थानीय और विदेशी आतंकी सक्रिय हैं।

जम्मूः इस पर, खुशी मनाई जाए या नहीं, सुरक्षाबल फिलहाल असमंजस में हैं। उन्होंने इस साल 7 महीनों में अभी तक 154 आतंकियों को ढेर कर दिया है। लेकिन 90 और ने आतंकवाद की राह को थाम लिया है। इतना जरूर था कि इस बार 7 माह में शहीद होने वाले सैनिकों का आंकड़ा पिछले साल से बहुत कम है।

वर्ष 2019 में 7 महीनों में 74 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे जबकि इस बार अभी तक 34 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। दरअसल पिछले साल पुलवामा में 49 के करीब सैनिकों की शहादत के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ जो अभियान छेड़ा वह अभी भी जबरदस्त कामयाबी की ओर बढ़ रहा है।

इसी का परिणाम है कि पिछले साल 163 और इस बार 210 दिनों में 154 आतंकी मारे गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, औसतन प्रतिदिन मरने वाले आतंकियों का आंकड़ा डेढ़ है। मारे गए आतंकियों में कई कमांडर भी हैं। कइयों की तो पिछले 12 सालों से तलाश थी तो कई ऐसे भी थे जो 12 घंटे पहले ही आतंकवाद की राह पर चले थे। पर इस कामयाबी की खुशी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नहीं है। जिनकी चिंता का कारण लगातार आतंकवाद की राह पा युवओं का चलते जाना है।

अगर 210 दिनों में 154 आतंकी मारे गए तो 90 नए आतंकी पैदा हो गए

आंकड़े बताते हैं कि अगर 210 दिनों में 154 आतंकी मारे गए तो 90 नए आतंकी पैदा हो गए। ये स्थानीय लड़के थे जिन्हें बरगलाने में पाक परस्तों ने कामयाबी पाई थी। हालांकि पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के बकौल कश्मीर में अभी भी 300 से अधिक स्थानीय और विदेशी आतंकी सक्रिय हैं।

वर्ष 2018 में 288 आतंकी मारे गए थे जो वर्ष 2010 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा था। अधिकारी कहते हैं कि आतंकियों के विरुद्ध हल्लाबोल कार्रवाई के तहत उन्हें मार गिराने का सिलसिला और तेज किया जाएगा। इतना जरूर था कि रमजान महीने के शुरुआत में पुलिस ने एक चर्चा फैलाई थी कि वह आतंकियों के विरुद्ध अभियानों को सीमित करेगी पर उसने ऐसा करने की बजाय सूचना आधारित अभियानों की शुरूआत कर रमजान में प्रतिदिन कम से कम 2-3 आतंकियों को ढेर कर सभी को चौंका दिया।

पुलिस के मुताबिक, इस बार आतंकियों को मारने में कामयाबी इसलिए मिल पाई थी क्योंकि रमजान में अक्सर आतंकी अपने घरों की ओर दौड़ लगा रहे थे और सुरक्षाबलों ने इसी का लाभ उठाते हुए उन्हें तड़के आरंभ किए जाने वाले अभियानों में ही मार गिराना आरंभ कर दिया। जानकारी के मुताबिक, अब आतंकी अपने परिवारों से मिलने को नहीं आ रहे हैं क्योंकि उन्हें मारे जाने का खतरा पैदा हो गया है।

Web Title: Jammu and Kashmir 154 terrorists killed seven months 90 more terrorism 34 security personnel martyred

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