The Kerala Story Row: जमीयत-उलमा-ए-हिन्द ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए पहुँची सुप्रीम कोर्ट
By रुस्तम राणा | Published: May 2, 2023 05:25 PM2023-05-02T17:25:16+5:302023-05-02T17:25:16+5:30
जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने याचिका में कहा कि यह फिल्म भारत में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच नफरत और दुश्मनी पैदा करने की संभावना है। याचिका में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के अलावा ट्रेलर को इंटरनेट से हटाने की मांग की गई है।
नई दिल्ली: लव जेहाद और धर्मांतरण के मुद्दे पर बनी फिल्म 'द केरल स्टोरी' विवादों के घेरे में हैं। फिल्म को एक वर्ग द्वारा जमकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यह फिल्म इसी शुक्रवार (5 मई) को रिलीज होगी। लेकिन फिल्म की रिलीजिंग डेट को रोकने के लिए जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफार्मों में 'द केरल स्टोरी' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें कहा गया है कि फिल्म भारत में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच नफरत और दुश्मनी पैदा करने की संभावना है। याचिका में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के अलावा ट्रेलर को इंटरनेट से हटाने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है "यह झूठ है कि 32,000 लड़कियां आईएसआईएस में शामिल होने के लिए पश्चिम एशिया के लिए केरल छोड़ चुकी हैं, हालांकि संयुक्त राष्ट्र, केंद्रीय गृह मंत्रालय, पुलिस स्रोत और विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि आईएसआईएस में शामिल होने वाले भारतीयों की संख्या लगभग 66 है और याचिका में कहा गया है कि आईएसआईएस समर्थक व्यक्तियों की अधिकतम संख्या 100 और 200 के बीच है।
Jamiat Ulama-i-Hind approaches Supreme Court seeking a stay on the release of #TheKeralaStory in theatres and OTT platforms, saying that the movie is likely to cause hatred and enmity between different sections of society in India. pic.twitter.com/1WuikegsMb
— ANI (@ANI) May 2, 2023
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका को खारिज करते हुए 'द केरल स्टोरी' की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। देश की शीर्ष अदालत में फिल्म पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता निजाम पाशा ने फिल्म को हेच स्पीच और ऑडियो-विजुअल प्रोपेंडा के सबसे खराब रूप का उदाहरण बताया था।