जामिया हिंसाः शिक्षकों ने शांति मार्च निकाला, हाथों में तख्तियां ले रखीं थी, लिखा था, ‘मैं जामिया के साथ’’, ‘मैं सीएए के विरोध में

By भाषा | Updated: December 18, 2019 19:00 IST2019-12-18T19:00:20+5:302019-12-18T19:00:20+5:30

जेटीए के सदस्यों ने बुधवार को शांति मार्च निकालकर संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध में प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय के छात्रों को समर्थन देने वाले सभी विश्वविद्यालयों का आभार व्यक्त किया। उसने कहा कि परिसर में ‘‘पुलिस की बर्बरता’’ की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषण समिति की स्थापना की गई है।

Jamia violence: The teachers took out a peace march, took placards in their hands, wrote, "I am with Jamia", "I am against the CAA | जामिया हिंसाः शिक्षकों ने शांति मार्च निकाला, हाथों में तख्तियां ले रखीं थी, लिखा था, ‘मैं जामिया के साथ’’, ‘मैं सीएए के विरोध में

जेटीए के सचिव माजिद जमील ने कहा, ‘‘13 दिसंबर को सीएए के विरोध में हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।

Highlightsजामिया परिसर में पुलिस की कार्रवाई में 50 से अधिक छात्र घायल हुए थे।शिक्षक संघ ने कहा कि बेकसूर छात्रों पर बलप्रयोग करने वालों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए।

जामिया शिक्षक संघ (जेटीए) ने बुधवार को विवादित नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी को ‘‘स्पष्ट तौर पर’’ खारिज करते हुए कहा कि हमलोग ‘‘एक और विभाजन’’ नहीं चाहते।

जेटीए के सदस्यों ने बुधवार को शांति मार्च निकालकर संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध में प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय के छात्रों को समर्थन देने वाले सभी विश्वविद्यालयों का आभार व्यक्त किया। उसने कहा कि परिसर में ‘‘पुलिस की बर्बरता’’ की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषण समिति की स्थापना की गई है।

जामिया परिसर में पुलिस की कार्रवाई में 50 से अधिक छात्र घायल हुए थे। शिक्षक संघ ने छात्रों के खिलाफ दायर मामलों को वापस लेने और रविवार को पुलिस की कार्रवाई के दौरान संपत्ति को हुई क्षति के लिए पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। शिक्षक संघ ने कहा कि बेकसूर छात्रों पर बलप्रयोग करने वालों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए।

मार्च के दौरान करीब 500 से अधिक शिक्षकों और शोधार्थियों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखीं थी जिन पर लिखा था, ‘मैं जामिया के साथ’’, ‘मैं सीएए के विरोध में’। कई अन्य पर संदेश लिखे थे जिनमें समर्थन करने वाले विश्वविद्यालयों के प्रति आभार व्यक्त किया गया था। मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने भारत का एक बड़ा नक्शा ले रखा था जिस पर देशभर के उन स्थानों को दिखाया गया था, जहां विश्वविद्यालय परिसरों में प्रदर्शन हो रहे हैं।

जेटीए के सचिव माजिद जमील ने कहा, ‘‘13 दिसंबर को सीएए के विरोध में हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। दो घंटे बाद अन्य प्रदर्शन का आह्वान किया गया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे शांतिपूर्ण तरीके से संसद की ओर बढ़ना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी।

उन्होंने जामिया के छात्रों पर उस वक्त आंसू गैसे के गोले छोड़े जब वे परीक्षा दे रहे थे।’’ जेटीए ने कहा कि बीते कुछ साल से ऐसी घटनाएं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में बार बार होती रही हैं। हमलोग अहम दौर से गुजर रहे हैं। 

Web Title: Jamia violence: The teachers took out a peace march, took placards in their hands, wrote, "I am with Jamia", "I am against the CAA

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