भारत: मस्जिदों ने अज़ान के वक्त इस्तेमाल किए जाने वाले लाउडस्पीकर को लेकर अकसर बवाल होते रहता है। देश में ही कई बार इसको लेकर विवाद हुआ है और इसे बंद करने की मांग भी उठी है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में मौजूद एक मस्जिद के इमाम ने मिसाल कायम कर दिया। मस्जिद के इमाम द्वारा अज़ान के वक्त लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करने के इस फैसले से मस्जिद के पास के एक स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को सीधा फायदा हुआ है। बता दें कि बच्चों की पढ़ाई में बाधा न पहुंचे इसलिए मस्जिद के इमाम अज़ान के समय लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करते।
क्या कहना है मस्जिद के इमाम का
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के होमीरापारा में मौजूद इस मस्जिद के इमाम ने बच्चों के पढ़ाई में दिक्कत ने हो इसलिए उन्होंने अज़ान के समय लाउडस्पीकर को इस्तेमाल नहीं करने का फैसला लिया है। मामले में बयान देते हुए इमाम नाज़िमुल हक़ ने कहा, 'हमारे अज़ान से बच्चों के पढ़ाई में परेशानी होती इसलिए हमने आजान में लाउडस्पीकर नहीं यूज करने का फैसला लिया।' इमाम का कहना है कि देश की उन्नति के लिए शिक्षा की काफी जरुरत है, इसलिए धर्म से पहले शिक्षा को अहमियत देना चाहिए।
शिक्षक ने बताया एक अच्छा पहल
बता दें कि कोरोना के कारण पश्चिम बंगाल सरकार ने केवल 9वीं और 10वीं के बच्चों को ही स्कूल जाने की इजाजत दी है। वहीं 9वीं से नीचे क्लास वाले बच्चों को ऑनलाइन ही पढ़ाई करने के आदेश दिए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय बार्डर पर रह रहे होमीरापारा गांव के बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, इसलिए बच्चों को मजबूरन ऑफलाइन क्लास करना पड़ रहा है। मस्जिद के पास ऑफलाइन क्लास कर रहे बच्चों को पढ़ने में दिक्कत न हो इसलिए मस्जिद के इमाम ने यह फैसला लिया है। वहीं इमाम के इस पहल पर बयान देते हुए स्कूल के शिक्षक इंद्रनील साहा ने ANI को बताया, “स्थानीय लोगों ने काफ़ी सहयोग किया है। पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा ठीक नहीं इससे बच्चों का ध्यान भी भटकता है।”