सीजेआई के खिलाफ आरोपों पर अरुण जेटली ने कहा-यह समय न्यायपालिका के साथ खड़े होने का है

By भाषा | Published: April 22, 2019 03:34 AM2019-04-22T03:34:28+5:302019-04-22T03:34:28+5:30

सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप के एक दिन बाद जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा, ‘‘यह समय न्यायपालिका के साथ खड़े होने का है।’’ उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद न्यायालय ने शनिवार को विशेष सुनवाई की थी।

Jaitley said on the charges against CJI: It is time to stand with the judiciary | सीजेआई के खिलाफ आरोपों पर अरुण जेटली ने कहा-यह समय न्यायपालिका के साथ खड़े होने का है

जेटली ने कहा कि जब ‘‘संस्थागत अवरोध’’ के अनूठे ट्रैक रिकॉर्ड के साथ चार डिजिटल मीडिया संगठन प्रधान न्यायाधीश को ऐसी प्रश्नावली भेजते हैं,

Highlightsजेटली ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक जूनियर पूर्व महिला कर्मचारी की घटना को अनावश्यक तवज्जो मिल गया है। जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा, ‘‘यह समय न्यायपालिका के साथ खड़े होने का है।’

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने रविवार को आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के प्रमुख के खिलाफ अपुष्ट आरोपों का समर्थन कर प्रधान न्यायाधीश की संस्था को अस्थिर करने का प्रयास करने वाले ऐसे लोग हैं जिनका काम रूकावटें खडी करना है। उन्होंने ऐसे लोगों को ‘‘संस्थागत अवरोधक’’ बताया और कहा कि देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ जो लोग झूठ फैला रहे हैं, उनके खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई होनी चाहिए।

सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप के एक दिन बाद जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा, ‘‘यह समय न्यायपालिका के साथ खड़े होने का है।’’ उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद न्यायालय ने शनिवार को विशेष सुनवाई की थी। जेटली ने कहा कि व्यक्तिगत शालीनता, मूल्यों, नैतिकता और ईमानदारी के संदर्भ में, भारत के मौजूदा प्रधान न्यायाधीश का काफी सम्मान है।

यहां तक ​​कि जब आलोचक उनके न्यायिक दृष्टिकोण से असहमत होते हैं, तब भी उनकी मूल्य प्रणाली पर कभी सवाल नहीं उठाया गया है। एक असंतुष्ट व्यक्ति के पूरी तरह से अपुष्ट आरोपों का समर्थन करना प्रधान न्यायाधीश की संस्था को अस्थिर करने की प्रक्रिया का मदद करना है। उन्होंने कहा कि ‘‘संस्थान को नष्ट करने के लिए झूठ का साथ देने वालों के साथ अगर सख्ती से नहीं निपटा जाता तो यह प्रवृत्ति बढ़ती ही जाएगी।

जेटली ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक जूनियर पूर्व महिला कर्मचारी की घटना को अनावश्यक तवज्जो मिल गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें जब किसी भी प्रशासनिक कामकाज में सामान्य रूप से की जाती हैं तो उन्हें उपयुक्त समिति में भेजा जाता है। लेकिन जब शिकायतकर्ता अपने आरोपों को सनसनीखेज बनाने के लिए अपने ज्ञापन की प्रतियां उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों और मीडिया के बीच वितरित करती है, तो यह मामला सामान्य नहीं रह जाता।

जेटली ने कहा कि जब ‘‘संस्थागत अवरोध’’ के अनूठे ट्रैक रिकॉर्ड के साथ चार डिजिटल मीडिया संगठन प्रधान न्यायाधीश को ऐसी प्रश्नावली भेजते हैं, तो जाहिर है कि चीजें जो दिख रही हैं, वह नहीं कुछ और है।? उन्होंने खेद व्यक्त किया कि पिछले कुछ वर्षों में ‘‘संस्थागत अवरोधकों’’ का प्रमुखता से समेकन देखा गया है। ‘‘संस्थागत अवरोधकों के लिए कोई रेड लाइन नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कई अवरोधक वाम या अति वाम विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके पास कोई चुनावी आधार या लोकप्रिय समर्थन नहीं है। फिर भी, मीडिया और शिक्षा में अब भी उनकी खासी उपस्थिति है। जब मुख्यधारा की मीडिया से बाहर हो गए तो उन्होंने डिजिटल और सोशल मीडिया की शरण ली… है।

जेटली ने कहा कि भले ही उनमें से अधिकतर हाशिए पर की विचारधाराओं और विचारों से जुड़े हैं लेकिन यह अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े बार के सदस्यों के एक वर्ग की प्रवृति उनसे जुड़ने की है। बेबुनियाद आधार पर न्यायाधीशों और यहां तक ​​कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्तावों पर कुछ सांसदों के हस्ताक्षर के लिए लगातार प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से आश्चर्य होता है कि कांग्रेस ऐसे अभियानों का समर्थन करती है। 

Web Title: Jaitley said on the charges against CJI: It is time to stand with the judiciary

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