नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद पर परोक्ष हमला किया। उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत 'नई दिल्ली में बैठे लोग' जो फैला रहे हैं, उससे अलग है। रमेश ने ट्विटर पर एक आजाद के गांव का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, "यह जमीनी हकीकत है। ये दिल्ली में मोदी सरकार द्वारा दिए गए बड़े-बड़े लॉन वाले बंगले में बैठे लोगों द्वारा बनाई गई वास्तविकता से अलग है। वे फर्जी खबरें फैला रहे हैं।"
आजाद के इस्तीफे से जम्मू-कश्मीर कांग्रेस से बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो गया है। कुछ प्रमुख चेहरों सहित कम से कम 36 नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी छोड़ दी। आजाद 4 सितंबर को जम्मू में एक रैली को संबोधित करेंगे। आजाद की रैली से पहले भल्लेसा अनुमंडल के सभी प्रखंडों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक सितंबर को गंडोह के पार्टी कार्यालय में मासिक बैठक की। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने ट्वीट कर ये जानकारी दी।
बताते चलें कि इस तरह की बैठक महीने के पहले दिन 50 से अधिक वर्षों से हो रही है और गुलाम नबी आजाद के जाने के बाद भी कोई व्यवधान नहीं हुआ, यह निहित था। 26 अगस्त को गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। आजाद के बंगले को लेकर जयराम रमेश की ओर से आलोचना नई है, हालांकि इस मुद्दे पर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने हमला बोला था।
गुलाम नबी आजाद के संसद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनके पास एक बंगला और जेड प्लस सुरक्षा है, जिसका श्रेय कांग्रेस नेता पीएम मोदी और आजाद के व्यक्तिगत तालमेल को देते हैं। मालूम हो, गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी से अपने पांच दशक पुराने रिश्ते को खत्म करते हुए गांधी परिवार की आलोचना भी की थी। बता दें कि भल्लेसा आजाद का गृहनगर है।